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अब मोतीझील की बदलेगी सूरत, होगा सौंदर्यीकरण

गंदगी से पटी शहर की पहचान मोतीझील की सूरत को बदलने का प्रयास प्रारंभ हो गया है। इसके सौंदर्यीकरण कार्य का शुभारंभ केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री राधामोहन ¨सह की मौजूदगी में मंगलवार को सूबे के नगर विकास व आवास मंत्री सुरेश शर्मा करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 08:32 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 08:32 AM (IST)
अब मोतीझील की बदलेगी सूरत, होगा सौंदर्यीकरण
अब मोतीझील की बदलेगी सूरत, होगा सौंदर्यीकरण

मोतिहारी। गंदगी से पटी शहर की पहचान मोतीझील की सूरत को बदलने का प्रयास प्रारंभ हो गया है। इसके सौंदर्यीकरण कार्य का शुभारंभ केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री राधामोहन ¨सह की मौजूदगी में मंगलवार को सूबे के नगर विकास व आवास मंत्री सुरेश शर्मा करेंगे। मौके पर पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार के अलावा नगर विकास व आवास मंत्रालय के अधिकारी मौजूद रहेंगे। इस दौरान मंत्री श्री शर्मा शहर के कई अन्य विकास कार्यों का भी शिलान्यास करेंगे। जानकारी देते हुए नगर परिषद के ईओ विमल कुमार ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान मंत्री श्री शर्मा नगर भवन के सभागार में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रिवाल¨वग फंड का भी वितरण करेंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोतीझील के जीर्णोद्धार, संरक्षण एवं उन्नयन कार्य का किया था शिलान्यास चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के मौके पर 10 अप्रैल 18 को ऐतिहासिक गांधी मैदान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21.99 करोड़ की लागत से मोतीझील के जीर्णोद्धार, संरक्षण एवं उन्नयन कार्य के शिलान्यास किया था। उसके बाद शहरवासियों को उम्मीद जगी कि झील की मिट रही पहचान अब वापस लौट आएगी। लंबे वक्त से अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रही मोतीझील को अब संवारने के लिए विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा। मोतीझील का है ऐतिहासिक महत्व शहर के बीचोबीच स्थित मोतीझील का अपना ऐतिहासिक महत्व है। झील के दोनों ओर प्राकृतिक परिवेश भी खूबसूरत है। रख-रखाव ठीक से नहीं होने के कारण इसका अस्तित्व खतरे में आ गया है। अब झील में शहर के गंदे पानी के गिरने से रोकने के साथ इसके अंदर जमा गाद को साफ करने के साथ खूबसूरत घाटों का निर्माण कराया जाएगा। बता दें कि झील के किनारे बसी आबादी के साथ इससे गुजरने वालों के लिए इसकी गंदगी सबसे बड़ी समस्या के रूप में शहर के लोगों के सामने थी। हालांकि पूर्व में झील के विकास के लिए कार्य कराए गए थे। इसके तहत इसकी जलकुंभी को हटाया जा चुका है। अब इस झील के अंदर गाद की सफाई, अवांछित खर-पतवार की सफाई, सिवरेज के शोधन के लिए एमएलडी क्षमता के दो एसटीपी का निर्माण, 22242 वर्गमीटर में पार्क का निर्माण, झील के चारों तरफ 9000 मीटर में ड्रेन के निर्माण कार्य कराया जाएगा। योजना मद में केंद्रांश 13.104 करोड़ व राज्यांश 8.796 करोड़ रुपये तय किए गए हैं।

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