राष्ट्र के लिए ¨चता नहीं ¨चतन करने की जरूरत : राज्यपाल
वैदिक मूल्यों को अपना कर हम अपने परिवार, समाज व राष्ट्र को विकसित करने में योगदान कर सकते हैं।
मोतिहारी । वैदिक मूल्यों को अपना कर हम अपने परिवार, समाज व राष्ट्र को विकसित करने में योगदान कर सकते हैं। इसके लिए लोगों के बीच जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। लोगों को यह भी बताना होगा की आर्य समाज से जुड़कर अपने साथ-साथ समाज का कल्याण करते हुए राष्ट्र को विकसित करने में हम अपना योगदान कर सकते हैं। समाज सुधारक एवं युग प्रणेता स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की और स्वराष्ट्र, स्वभाषा का नारा दिया। उक्त बातें सोमवार को स्थानीय आर्य समाज चौक स्थित आर्य समाज वेद मंदिर के 90 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित वैदिक महायज्ञ सह वेद प्रचार सप्ताह के दौरान मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद आर्य ने कही। उन्होंने कहा कि मनुष्यों को वेद का ज्ञान होना चाहिए। आज देश के विभिन्न हिस्सों में आर्य समाज शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम कर रहा है। इसके अंतर्गत व्यक्ति, परिवार, समाज, राष्ट्र निर्मिण में सोलह संस्कारों की महती भूमिका है। साथ ही चित्र नहीं चरित्र की पूजा होनी चाहिए और इसके लिए ¨चता नहीं ¨चतन करने की आवश्यकता है। वहीं सभा को बिहार आर्य प्रतिनिधि सभा के कोषाध्यक्ष सत्यदेव प्रसाद, मंत्री डॉ. मनीषा प्रसाद आर्य, विनोद प्रसाद आर्य, पूर्व प्रधान धर्मवर्द्धन प्रसाद आर्य, कमलेश्वर प्रसाद आर्य, सोनालाल प्रसाद आर्य, राजवल्लभ प्रसाद आर्य, उत्तम कुमार आर्य आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता धर्मवर्द्धन प्रसाद आर्य एवं मंच संचालन पुरोहित अवधेश शास्त्री ने किया। मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता, पूर्व विधायक कृष्णनंदन पासवान, चंद्रिका प्रसाद जायसवाल, भुपाल भारती, पंकज कुमार, कामेश्वर प्रसाद, डॉ. संजय पांडेय, धर्मवर्द्धन प्रसाद आर्य सहित अन्य लोगों ने राज्यपाल को शॉल, बुके व माला पहनाकर अभिनंदन किया। कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में आर्य समाज वेद मंदिर विद्यालय के छात्र व बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद थे।