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आशुतोष, दीपाली व आयुष ने नीट परीक्षा में मारी बाजी

अरेराज प्रखंड अंतर्गत सरेया एवं मलाही गांव के एक छात्र एवं एक छात्रा ने नीट की परीक्षा में सफलता हासिल कर अनुमंडल सहित जिले का नाम रौशन किया है। दोनों गांव में खुशी का माहौल है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 01:38 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 05:15 AM (IST)
आशुतोष, दीपाली व आयुष ने नीट परीक्षा में मारी बाजी
आशुतोष, दीपाली व आयुष ने नीट परीक्षा में मारी बाजी

मोतिहारी । अरेराज प्रखंड अंतर्गत सरेया एवं मलाही गांव के एक छात्र एवं एक छात्रा ने नीट की परीक्षा में सफलता हासिल कर अनुमंडल सहित जिले का नाम रौशन किया है। दोनों गांव में खुशी का माहौल है। सरेया गांव निवासी रविशंकर पांडेय के पुत्र व सेवानिवृत्त शिक्षक मंकेश्वर पांडेय के पौत्र आशुतोष रंजन ने नीट परीक्षा में सफलता हासिल की है। आशुतोष को 578 अंक प्राप्त हुए हैं। इसने अपनी पढ़ाई अपने दादा व पिता के मार्गदर्शन में अरेराज व मोतिहारी से पूरी की है। आशुतोष ने इस सफलता को प्रथम प्रयास में हासिल किया है। श्री पांडेय का बड़ा पुत्र आदित्य रंजन वर्ष 2017 में मेडिकल की परीक्षा में पास कर पटना एम्स में पढ़ाई कर रहा है। इधर, मलाही बाजार निवासी दिनेश कुमार उर्फ राजू जो अरेराज में गल्ला व्यवसायी हैं, की दूसरी बेटी दीपाली कुमारी ने प्रथम प्रयास में ही नीट की परीक्षा पास कर साबित कर दिया है कि अगर ठान लिया जाय तो बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। दीपाली को 614 अंक मिले हैं। दीपाली ने अरेराज स्थित मां सुथरा विद्यापीठ से दसवीं की परीक्षा पास की। जबकि अरेराज स्थित महंत शिवशंकर गिरी महाविद्यालय से प्लस टू करने के बाद नीट की तैयारी में जुट गई थी। दीपाली की बड़ी बहन अंजलि का भी नामांकन गत वर्ष कानपुर मेडिकल कालेज में हुआ है। मधुबन : प्रखंड के बंजरिया गांव निवासी किसान सुजीत कुमार सिंह व मिथिलेश देवी के पुत्र आयुष राज ने प्रथम प्रयास में ही नीट परीक्षा-2020 में सफलता हासिल की है। इसे 720 में 650 अंक मिले हैं। आयुष बचपन से ही मेधावी छात्र रहा है। प्रारंभिक शिक्षा गांव से लेकर मधुबन तक में हुई है। फिर उसका चयन बीएचयू में हो गया। वहां दसवीं एवं 12वीं की पढ़ाई पूरी की। उसे किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन प्रतियोगिता परीक्षा में भी ऑल इंडिया स्तर पर 1108वां रैंक मिला था। राष्ट्रीय स्तर पर छात्रवृत्ति भी मिली। इसके अलावे नेशनल टैलेंट सर्च प्रतियोगिता में भी सफलता प्राप्त की। वहीं, रामानुज मेमोरियल मैथ कंटेंस बीएचयू में तीसरा स्थान लाकर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया। लगातार सफलता की सीढ़ी पर चढ़ने वाले आयुष का कहना है कि आगे बेहतर चिकित्सक बनकर राष्ट्र और समाज का सेवा करना लक्ष्य है। उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने दादा स्व. राधाकृष्ण सिंह, दादी जयंती देवी, चाचा चंद्रजीत सिंह, चाची मधुलिका सिंह, भाई दीपक, शुभम , माता-पिता व गुरु मनोज कुमार भारती समेत अन्य गुरुजनों को दिया है।

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