मोतिहारी, संवाद सहयोगी। बिहार के फुलवारीशरीफ में सामने आए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एएनआई का शिकंजा कसता जा रहा है।

इस मामले में एजेंसी अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। एजेंसी पीएफआई के मॉड्यूल के पूरे नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

जानकारी के अनुसार, जिले के मेहसी थानाक्षेत्र के हरपुर बाजार से 17 मार्च को पीएफआई के सक्रिय सदस्य हरपुरनाग निवासी इरशाद आलम की गिरफ्तारी के बाद अब एनआइए शेष लोगों की खोज में गोपनीय ऑपरेशन चला रही है। 

इसके लिए एनआइए ने एक नेटवर्क विकसित किया है। इस नेटवर्क में स्थानीय पुलिस के साथ कई स्थानीय लोगों से भी सूचना का संग्रह किया जा रहा है।

पूरी कवायद इस बात की है कि हर हाल में जिले से एनआइए के नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया जाए। पटना के फुलवारीशरीफ में हुई घटना के बाद यह अभियान शुरू किया गया है।

एनआइए की ओर से चकिया, मेहसी, केसरिया, मधुबन, तुरकौलिया सहित विभिन्न इलाकों में पीएफआई के मजबूत नेटवर्क की जानकारी मिलने के बाद जांच एजेंसी इसे ध्वस्त करने की ओर बढ़ रही है।

अब तक कुल चार लोग पूर्वी चंपारण से ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं, छह नए चेहरों की खोज गोपनीय तौर पर चल रही है। बताते हैं कि शीघ्र ही ये लोग भी कानून के शिकंजे में होंगे।

इसी के साथ पीएफआई के बड़े नेटवर्क की जानकारी मिलने के साथ इसके ध्वस्त होने की उम्मीद है। याद रहे कि इससे पहले फरवरी के पहले सप्ताह में एनआइए व स्थानीय पुलिस ने पीएफआई की गैर कानूनी और हिंसक गतिविधियों से जुड़े मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

उनमें मेहसी के बहादुरपुर निवासी मो. अब्दुल्ला के पुत्र मो. तनवीर रजा उर्फ बरकती और मो. रुस्तम के पुत्र मोहम्मद आबिद उर्फ आर्यन, चकिया हरपुर किसुन निवासी मो. शाहिद के पुत्र इरशाद उर्फ बेलाल शामिल हैं। इस बीच शुक्रवार को हुई कार्रवाई के बाद एक बार फिर जिले में अटकलें तेज हो गई हैं।

Edited By: Yogesh Sahu