गंभीर आपराधिक मामलों की जांच को नई व्यवस्था
जिले के विभिन्न थानों में दर्ज गंभीर आपराधिक मामलों की जांच में अब देरी नहीं होगी।
मोतिहारी। जिले के विभिन्न थानों में दर्ज गंभीर आपराधिक मामलों की जांच में अब देरी नहीं होगी। इसके लिए पुलिस ने नई व्यवस्था लागू की है। खास तरह के मामलों की जांच के लिए विशेष अधिकारियों की तैनाती की गई है। ये अधिकारी संबंधित मामलों की जांच की प्रक्रिया समय रहते पूरी करेंगे। ताकि संबंधित मामलों में दोषी को तत्काल सजा दिलाई जा सके और थानों में लंबित मामलों की संख्या समाप्त की जा सके। इस सिलसिले में एसपी द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर पुलिस महानिदेशक ने सहमति जताई है। इसके तहत अब 71 पुलिस अधिकारी खास तौर पर संगीन कांडों का विशेष अनुसंधान करेंगे। विशेष जांच के दायरे में जिस तरह के मामलों को रेखा गया है उनमें अपहरण, दुष्कर्म, डकैती, दहेज उत्पीड़न, धोखाधड़ी व जालसाजी के मामलों की जांच अहम है। विशेष प्रतिवेदित कांड के अनुसंधानकर्ता को एक साल में कम से कम दस कांडों का अनुसंधान करना होगा। वहीं यदि किसी थाना क्षेत्र में 300 मामले दर्ज होते हैं तो उसमें 100 कांड विशेष प्रतिवेदित होंगे। थानावार अधिकारियों की संख्या
नगर से 9, मुफस्सिल से 7, छतौनी से 3, बंजरिया से 3, सुगौली से 5, हरसिद्धि से 5, हरैया से 4, मेहसी से 4, घोड़ासहन से 4, चकिया से 3, तुरकौलिया से 3, पहाड़पुर से 3, मधुबन से 3, चिरैया से 3, रामगढ़वा से 3, आदापुर से 3 व कोटवा से 3 पदाधिकारियों को शामिल किया गया है। अधिकारियों में पुलिस निरीक्षक आनंद कुमार, दारोगा नागेन्द्र सहनी, राजेश कुमार, संदीप कुमार एक, संदीप कुमार दो, छोटेलाल पटवारी, अनिल कुमार, जमादार रागीव हसन व अफरोज आलम, मुफस्सिल थानाध्यक्ष अर¨वद प्रसाद, दरोगा मनोज कुमार, सिद्धेश्वर यादव, जमादार रविरंजन कुमार, संतोष कुमार, प्रेम कुमार राय, महादेव रविदास, छतौनी के पुलिस निरीक्षक विजय कुमार यादव, दारोगा राजीव रंजन व नवनीत कुमार, बंजरिया के सुधीर कुमार प्रथम, सुधीर कुमार द्वितीय व सुरेन्द्र ¨सह व अन्य शामिल हैं।