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बाढ़ से बचाव के लिए नवादा को गाइड बांध की जरूरत

हर साल बाढ़ की विभीषिका को झेलते रहना गंडक तटवर्ती इलाके के दियारा में रहने वाले लोगों की नियती बन चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 06:10 AM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 06:10 AM (IST)
बाढ़ से बचाव के लिए नवादा को गाइड बांध की जरूरत
बाढ़ से बचाव के लिए नवादा को गाइड बांध की जरूरत

मोतिहारी। हर साल बाढ़ की विभीषिका को झेलते रहना गंडक तटवर्ती इलाके के दियारा में रहने वाले लोगों की नियती बन चुकी है। सड़क सहित कई समस्याएं यहां पर है। जिसे ग्रामीण वर्षो से झेलते आ रहे हैं। निदान की दिशा में अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है। इन्हें पूरी तरह नदी के रहमोकरम पर छोड़ दिया गया है। अगर रिग बांध बन जाए तो इनकी समस्याओं पर कुछ हद तक अंकुश लग सकता है। मगर फिलहाल ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। गोविदगंज से प्रवीण कुमार पांडेय की रपट। सबसे बड़ी समस्या है बाढ़ नवादा पंचायत की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ है। गंडक के विकराल रूप से यहां के लोगों को हमेशा दो-चार होना पड़ता है। यहां लोगों की मुख्य मांग है कि यहां एक गाइड बांध लोकनाथपुर से लेकर इजरा तक बनाया जाए तो इनकी समस्या का समाधान हो सकेगा। सड़क की भी समस्या है। गोविदगंज ढाला से होकर नवादा गोला होते हुए नवादा जाने वाली सड़क पूरी तरह जर्जर है। बरसात की बात तो दूर गर्मी के मौसम में भी सड़क पर चलना मुश्किल भरा काम होता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछली सरकारों की अपेक्षा इस बार विकास के कई कार्य हुए हैं। बांध की मरम्मत भी हो रही है। मगर समस्याओं के निदान के लिए इतना काफी नहीं है। गांव के युवाओं को रोजी-रोजगार की भी जरूरत है। यहां की समस्याओं को देख यहां के युवा दूसरे प्रदेशों में जाने को विवश हैं। नवादा पंचायत में कुल आठ विद्यालय हैं। जिसमें एक उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय भी है। पंचायत में कुल 6965 मतदाता हैं। गोविदगंज से सलेमपुर तक पुल की मांग यहां के लोगों को पुल की भी आवश्यकता है। गंडक नदी पर गोविदगंज से लेकर सलेमपुर घाट तक पुल की मांग होती रही है। ग्रामीण सेवानिवृत्त शिक्षक शारदानंद गिरि, युवराज पांडेय, विकास गिरि, रुपेश कुमार, हसनदेव सहनी, मणिभूषण दुबे, नवनीत नवनीत कुमार गिरि, विशाल गिरि, सचिन गिरि, नितेश गिरि, रविद्र सहनी, सहदेव साह, रोजदिन मियां, विकास दुबे, नंदन चौबे, करण कुमार आदि लोगों का कहना है कि अगर यहां एक पुल बन जाता तो अरेराज से गोपालगंज की दूरी मात्र 15 किलोमीटर हो जाती। अरेराज से गोपालगंज को जोड़ने वाला सबसे नजदीक का मार्ग होता। इससे क्षेत्र का विकास भी हो सकता है।

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