तुरकौलिया के ऐतिहासिक गांधी घाट से किसानों ने निकाला आक्रोश मार्च
बेतिया राज की बंदोवस्त जमीन से बेदखल चंपारण के किसानों ने मंगलवार को तुरकौलिया के ऐतिहासिक गांधीघाट से जिला समाहरणालय तक आक्रोश पैदल मार्च निकाला।
मोतिहारी। बेतिया राज की बंदोवस्त जमीन से बेदखल चंपारण के किसानों ने मंगलवार को तुरकौलिया के ऐतिहासिक गांधीघाट से जिला समाहरणालय तक आक्रोश पैदल मार्च निकाला। पैदल मार्च का नेतृत्व रालोसपा के किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष कुशवाहा कर रहे थे। आक्रोश मार्च समाहरणालय के समक्ष पहुंचने के बाद धरना में तब्दील हो गई। प्रदेश अध्यक्ष श्री कुशवाहा ने कहा कि आजादी के पूर्व व आजादी के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत बेतिया राज की जमीन किसानों को बंदोवस्त हुई। नियमानुकूल बंदोवस्तीदार किसानों की जमाबंदी बनी और किसान साल दर साल मालगुजारी लगान देते आये। गलत रूप से बेतिया राज की जमीन बंदोवस्त हुए लोगों के जमाबंदी निरस्त करने की जगह सरकार ने सभी बंदोवस्तीदार किसानों के बंदोवस्ती को ही रद कर दिया। कहा कि जब तक सरकार अपने हिटलरी फरमान वापस नहीं लेती तथा किसानों के अपने बंदोवस्ती जमीन को खरीद-बिक्री का आदेश नहीं देती तब तक रालोसपा या अन्य गैर राजनीतिक लोग अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे। पैदल मार्च में संजय कुमार कुशवाहा, सरिता कुशवाहा, लालबाबू प्रसाद, उपेंद्र कुमार ¨सह, मनोज प्रसाद, दीपक कुमार, कैलाश ¨सह, नीरज कुमार, महेंद्र कुशवाहा, सुदामा राय, चंदन कुशवाहा, रमेश पासवान आदि थे।