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चुनौती को अवसर में बदलना सिखाते गुरूजी

मोतिहारी। इस वर्ष के विधार्थियों ने संकल्प लिया है कि किसी भी हाल में कोरोना त्रासदी से सदियों

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 01:32 AM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 06:10 AM (IST)
चुनौती को अवसर में बदलना सिखाते गुरूजी
चुनौती को अवसर में बदलना सिखाते गुरूजी

मोतिहारी। इस वर्ष के विधार्थियों ने संकल्प लिया है कि किसी भी हाल में कोरोना त्रासदी से सदियों चली आ रही गुरु परम्परा को डगमगाने नहीं देंगे। आनेवाला कल शिक्षक दिवस है। सभी बच्चे के मन में एक सवाल उत्पन्न हो रहे है कि कैसे मनाया जाएगा शिक्षक दिवस। कैसे अपने गुरु को वे इसकी शुभकामनाएं देंगे। सभी ने सोचा इस वर्ष वर्चुअल मनाया जाएगा। क्योंकि गुरु के बिना जीवन में सफलता मिलना असंभव है। यह त्रासदी का समय हम सभी को जिदगी भर याद रहेगा। व‌र्त्तमान में सभी स्कूलों, कॉलेजों व विश्वविद्यालय में वर्चुअल कक्षाएं चलाई जा रही है। सभी अलग-अलग माध्यमों यूट्यूब, गूगल मीट, •ाूम ऐप से पढ़ाई कर रहे है। इनका विश्वास कहीए या इच्छाशक्ति कहते है कि गुरु का सामान हमारी भारतीय परम्परा में है। चाहे कोई महामारी हो या सुनामी हम अपनी परम्परा को नहीं भूल सकते है। स्कूलें बंद है तो क्या हुआ। हम अपनी सदियों से आ रही संस्कृति को कोरोना के प्रभाव में नहीं आने देंगे। चेला मेरी मेमोरियल स्कूल की प्राचार्य इवलिन विनय ने कहा कि बच्चे लोग कहना है कि जब हम डिजिटल तरीके से पढ़ाई कर सकते है। तो डिजिटल तरीके से शिक्षक दिवस मनाएंगे। और कोरोना के सामने भारत की सभ्यता एवं संस्कृति को खत्म नहीं होने देंगे। इस महामारी में जिसने हमें पल-पल डिजिटल माध्यम तरीके से ऊर्जावान बनाया है। उसे हम कैसे भूल सकते है।

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वाराणसी विश्वविद्यालय के एमसीए के छात्र राजनीतिज्ञ कुमार का कहना है कि अभी कोरोना महामारी को लेकर विश्वविद्यालय बंद है। तो हमें शिक्षक से कोई लगाव नहीं है। डिजिटल युग होने के वजह से हम प्रोफेसर से ऑनलाइन क्लास सुचारु रुप से चल रही है। जिस माध्यम से यह कक्षा चली रही है। डिजिटल तरीके से हम सब शिक्षक दिवस को मनाएंगे। वहीं यशस्वी कंप्यूटर संस्थान के ललन कुमार ने बताया कि कोरोना काल में डिजिटलाइजेशन का अब जाकर महत्त्व मालूम चला है। इस वर्ष गूगल मीट, •ाूम एप व फेसबुक लाइव माध्यम से सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रुप में मनाएंगे। शहर के शिक्षक ओमप्रकाश ने बताया कि सभी शिक्षकों ने शिक्षक दिवस के पहले से ही विधार्थियों को चुनौती को अवसर में बदलने का तरीका सिखाते आ रहे है। इस वर्ष बच्चे शिक्षक दिवस का पर्व मनाकर अपनी परम्परा को जीवन काल तक कायम रखेंगे।


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