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मकर संक्रांति आज, लाई, चूड़ा, तिलवा, तिलकुट जमकर हुई बिक्री

मोतिहारी। इस वर्ष मकर संक्राति का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। दरअसल मकर राशि में सूर्य का प्रवेश 15 जनवरी बुधवार को प्रात 0754 से हो रही है। हमारे शास्त्रों में त्योहारों की तिथि सूर्योदय से मानी जाती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 11:06 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 11:06 PM (IST)
मकर संक्रांति आज, लाई, चूड़ा, तिलवा, तिलकुट जमकर हुई बिक्री
मकर संक्रांति आज, लाई, चूड़ा, तिलवा, तिलकुट जमकर हुई बिक्री

मोतिहारी। इस वर्ष मकर संक्राति का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। दरअसल मकर राशि में सूर्य का प्रवेश 15 जनवरी बुधवार को प्रात: 07:54 से हो रही है। हमारे शास्त्रों में त्योहारों की तिथि सूर्योदय से मानी जाती है। इसलिए मकर संक्राति का पर्व 15 तारीख को ही मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य का उदय मकर राशि में होगा। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित सत्यदेव मिश्र ने बताया कि मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। इस दृष्टि से भी इस पर्व का खास महत्व है। एक अन्य मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के दिन ही भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार कर उनके सिरों को काटकर मंदराचल पर्वत पर भूमिगत कर दिया था। उस समय से ही भगवान विष्णु के इस विजय को मकर संक्रांति पर्व के रूप में मनाया जाता है। स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

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इस बार मकर संक्रांति पर 15 जनवरी 2020 की सुबह 07:54 बजे के बाद स्नान कर सूर्य को अ‌र्घ्य दिया जा सकेगा। मकर संक्रांति पर स्नान और दान का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति के दिन गंगा या नदियों सहित किसी भी पवित्र जलाशय में स्नान करना पुण्य फलदायी होता हैं। इस दिन तिल युक्त खिचड़ी व तिल के लड्डू दान देने के साथ खाने-खिलाने की परंपरा हैं।

सूर्य मंत्र के जाप से मिलेगा मनचाहा फल

सूर्य के मकर राशि में प्रवेश पर उसकी किरणों से अमृत की बरसात होने लगती है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होते हैं। इसलिए मकर संक्रांति पर सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसे में अगर भाषा व उच्चारण शुद्ध हो तो आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करें, क्योंकि यह एक बहुत ही फलदायक होता है। कहते हैं अगर मकर संक्रांति पर विशेष पांच सूर्य मंत्र का जाप किया जाए तो लाभ ही लाभ होता है।

इन पांच मंत्रों का करें जाप

ॐ घृणि सू‌र्य्य: आदित्य:। ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्त्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा। ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:। ॐ ह्रीं घृणि: सूर्य आदित्य: क्लीं ॐ। ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:।

सुगर फ्री व मीठा से बने तिलकुट की सर्वाधिक मांग

जासं, मोतिहारी : जिले में सूर्योपासना व दान का पर्व मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इसके मद्देनजर दुकानदारों ने पर्व संबंधित सामग्री अपनी-अपनी दुकान पर सजा दी है। लाई, चूड़ा, तिलवा, तिलकुट, तिल, गुड़ आदि सामग्री की खरीदारी अंतिम चरण में है। वहीं बाजार से कच्चा सामग्री खरीद घर में महिलाएं परंपरागत पकवान तैयार करने में जुटी हैं। मंगलवार को बाजार में खरीदारी को महिलाओं की खासी भीड़ दिखी। बताते चलीं कि पर्व में अभिभावक पुरानी परंपराओं का बखूबी निर्वहन कर अपने बेटी, बहन आदि के घर खिचड़ी भी पहुंचाते हैं। इसलिए लाई, तिलवा आदि घरों में सप्ताहभर पूर्व बनाने का शुरू कार्य अब अंतिम दौर में हैं। इधर, बाजार पर महंगाई की मार पड़ी है। पर्व संबंधित सामग्री की कीमत में तेजी से उछाल है। तिल का पर्व में महत्व अधिक है। पिछले वर्ष 130-140 रुपए प्रति किलो की दर से बिका तिल इस वर्ष बाजार में 180-200 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है। ऐसे में लोगों ने जेब पर लोड अधिक न पड़े, इसलिए लोग मांग के अनुरूप ही खरीदारी कर रहे हैं। वहीं गुड़ व चीनी की तिलकुट, जो पिछले वर्ष सामान दर पर 280 रुपए किलो की दर पर बिकी थी, अब इसकी कीमत तीन सौ के पार पहुंच गई है। इसके अलावा अन्य सामग्रियों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है। चांदमारी निवासी अखिलेश्वर कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बाजार में पर्व संबंधित सामग्री की कीमत में उछाल आया है। लेकिन, पर्व अच्छे से मने, पैसा मायने नहीं रखता। शहर के कचहरी चौक, बलुआ चौक, मीना बाजार, चांदमारी चौक, हिदी बाजार, ज्ञान बाबू चौक आदि विभिन्न जगहों पर मकर संक्रांति का बाजार सजा है।

क्वालिटी के हिसाब से रहा मूल्य

इस बार मकर संक्रांति के बाजार में तिलकुट दुकान में गुड़, चीनी, खोवा, रेवड़ी, तिलपट्टी, चूड़ा का लाई और तिल के अन्य सामान मिल रहे हैं। एक महीने से भी अधिक समय से दुकानदार मकर संक्रांति की तैयारी में जुट जाते हैं। लोगों का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों के लिए सुगर-फ्री तिलकुट बाजार में मिल रहे हैं। गुड़ और चीनी के तिलकुट 200 से 500 और शुगर फ्री 300 से 500 रुपेय की दर पर उपलब्ध हैं। तिल पापड़ी 260, रेवड़ी 160, खोया का तिलकुट 380 रुपये प्रति किलो, काला तिल 250 तो उजला तिल 500 रुपये प्रतिकिलो तक बिका। वहीं, लाई 80 से 120 रुपए पैकेट, चूड़ा लाई 50 रुपए पैकेट व किलो पर उपलब्ध रहा।


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