महात्मा गांधी केंद्रीय विवि को जल्द मिलेगी शेष भूमि : कुलपति
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उम्मीदों का केंद्र बन चुके महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय बिहार (मोतिहारी) को अपना संपूर्ण परिसर न होने से कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। किराए के अलग-अलग कैंपस से विवि का संचालन हो रहा है।
मोतिहारी । उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उम्मीदों का केंद्र बन चुके महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय बिहार (मोतिहारी) को अपना संपूर्ण परिसर न होने से कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। किराए के अलग-अलग कैंपस से विवि का संचालन हो रहा है। आधारभूत संरचनाओं का विकास नहीं हो रहा है। अब तक जिला प्रशासन पूर्वी चंपारण द्वारा विश्वविद्यालय को कुल 301.97 एकड़ में से 134.57 भूमि प्रदान की जा चुकी है। शेष 165 एकड़ भूमि को हस्तांतरित करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद प्रकाश ने जिलाधिकारी से मिलकर आग्रह किया है। डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने इसे गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को इस कार्य को अविलंब निष्पादित करने को कहा है। इस संबंध में कुलपति ने बताया कि डीएम के निर्देश पर शेष 165 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के कार्य में तेजी आई है। बहुत जल्द इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। अधिग्रहण के बाद तैयार होगा डीपीआर भूमि अधिग्रहण के बाद संरचनाओं के विकास के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। फिलहाल यह विश्वविद्यालय का संचालन मोतिहारी में किराए के अलग-अलग परिसर से हो रहा है। इनमें विवि का स्थायी परिसर (गांधी भवन परिसर बनकट) भी शामिल है। यहां से हिदी व संस्कृत सहित पांच विभाग संचालित हो रहे हैं। शहर के रघुनाथपुर में प्रशासनिक कैंपस है। जबकि जिला स्कूल के छात्रावास में विश्वविद्यालय का चाणक्य परिसर है। इनके अलावा प्रबंधन विभाग सहित अन्य कई विभाग मोतिहारी के बलुआ टाल से संचालित हो रहे हैं।
विवि में ज्यादातर यूजी पाठ्यक्रम होल्ड पर
केविवि का अपना परिसर नहीं होने तथा आधारभूत संरचनाओं के अभाव में ज्यादातर स्नातक (यूजी) पाठ्यक्रम होल्ड पर हैं। मात्र तीन पाठ्यक्रम ही स्नातक स्तर पर संचालित हो रहे हैं। कुलपति प्रो. आनंद प्रकाश ने बताया कि इस विवि में फिलहाल बीटेक, बीकाम एवं बीजेएमसी पाठ्यक्रम स्नातक के अंतर्गत हैं। तीनों पाठ्यक्रम के लिए 33-33 सीटें हैं। इनमें नामांकन के लिए कंप्यूटर आधारित कामन यूनिवर्सिटी टेस्ट होगा। इसके लिए निबंधन की प्रक्रिया जारी है। वहीं, पुस्तकालय विज्ञान भी स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम है, किंतु उसमें नामांकन के लिए स्नातक उत्तीर्ण होना आवश्यक है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में कुल 1400 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। इनमें तीन सौ शोधार्थी हैं।