मांझी ने नीतीश की शराबबंदी को बताया फ्लॉप, बोले- गरीबों पर अत्याचार कर रही सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार की शराबबंदी फ्लॉप है। रोक के बावजूद शराब की बिक्री हो रही है। इस कानून की आड़ में गरीबों के साथ अन्याय किया जा रहा है।
पूर्वी चंपारण [जेएनएन]। पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराब नीति से गरीबों के साथ अन्याय हो रहा है। फिलहाल 1.30 लाख लोग जेलों में बंद हैं। इनमें 1.25 लाख गरीब हैं। शराबबंदी कानून के तहत कजन 35 लोगों को सजा सुनाई गई है, उनमें 26 पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के हैं। शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब की बिक्री हो रही है। इसमें पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मालामाल हो रहे हैं।
जीतनराम मांझी बीते दिन मोतिहारी में मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश कुमार की जमकर खिंचाई की। साथ ही सरकार की अन्य नीतियों की भी आलोचना की।
मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार की बालू नीति से सूबे में हाहाकार मचा है। बालू किलो के हिसाब से मिल रहा है। विकास योजनाएं ठप पड़ गईं हैं। बालू नहीं मिलने से खुले में शौच रोकने की योजना (ओडीएफ) का कार्य बाधित हो गया है।
एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए गरीबों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हित में 24 जनोपयोगी निर्णय लिए थे। उन्हें नीतीश कुमार से लागू करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने निर्णय को पंचर कर दिया।
मांझी ने कहा कि राज्य की नीतीश सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की दोहरी नीतियों के कारण उन्होंने राजग छोड़कर महागठबंधन का साथ पकड़ा। कहा कि आठ अप्रैल गांधी मैदान में गरीब महासम्मेलन होगा। इसकी सफलता के लिए वे 17 जिलों में सम्मेलन कर चुके हैं।