दिल न मिलते तो मुलाकात अधूरी रहती..
मोतिहारी। राजेंद्र नगर भवन के प्रशाल में रंग-बिरंगी प्रकाश किरणों के बीच जब देश-दुनिया के नामचीन गजल गायक ई. गिरीश श्रीवास्तव ने स्वर लहेरिया बिखेरी तो शाम से कब रात हो गई किसी को इसका भान नहीं रहा।
मोतिहारी। राजेंद्र नगर भवन के प्रशाल में रंग-बिरंगी प्रकाश किरणों के बीच जब देश-दुनिया के नामचीन गजल गायक ई. गिरीश श्रीवास्तव ने स्वर लहेरिया बिखेरी तो शाम से कब रात हो गई किसी को इसका भान नहीं रहा। उनके साथ तबले पर संगत दे रहे मशहूर तबला वादक सुनील श्रीवास्तव इस आयोजन को बखूबी उंचाईयां प्रदान की। संगीत संध्या में ईं. गिरीश ने ऐसी लगी लगन, मीरा हो गई मगन.., भजन से गीत-गजलों का सफर शुरू किया जो गजल, सू्फी और भोजपूरी पर पहुंचकर ही विराम लिया। जब उन्होंने गुनगुनाया-दिल न मिलते तो मुलाकात अधूरी रहती, बात तो होती मगर ख्वाब अधूरे रहते.. शाम को गुलाबी व शायराना बना दिया। इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन एसएसपी अभियान हिमांशु शेखर गौरव, संगीत शेखर, प्रो. रामनिरंजन पांडेय, डॉ. राजेश श्रीवास्तव, सागर सूरज व समिति सदस्यों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। श्री गौरव ने कहा कि संगीत एक कला है। साधना ही चरमोत्कर्ष पर पहुंचने का माध्यम है। इसके बाद बारी-बारी से कलाकारों को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम समिति की सदस्या सह महिला सशक्तिकरण मंच की अध्यक्षा बबीता श्रीवास्तव ने पौधे लगाएं-जीवन बचाएं अभियान के तहत सभी अतिथियों व श्रोताओं के बीच पर्यावरण जागरूकता के लिए पौधे का वितरण किया। मंच का संचालन रोटरी क्लब मोतिहारी के देवप्रिय मुखर्जी व वरीय रंगकर्मी अनिल वर्मा ने संयुक्त रूप से किया। धन्यवाद ज्ञापन संजय सिन्हा ने किया। कार्यक्रम में डीएवी की संगीत शिक्षिका अल्पना रतन, अनिल वर्मा, संजय सिन्हा, अनिल कुमार, अभय अनंत, नवनीत रंजन, बबीता श्रीवास्तव, मनी शर्मा का सराहनीय योगदान रहा। कलाकारों का परिचय वरीय रंगकर्मी प्रसाद रत्नेश्वर ने किया। मौके पर सुप्रसिद्ध चिकित्सक डा. अतुल कुमार, अभय अनंत आदि भी मौजूद रहे।