Move to Jagran APP

घंटों अस्पताल में होता रहा हंगामा, परेशान रहे मरीज, बाधित रही स्वास्थ्य सेवा

पताही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एंबुलेंस पर ईएमटी के रूप में अपनी सेवा दे रहे रमेश कुमार की मौत के बाद शुक्रवार को सदर अस्पताल में घंटों हंगामा होता रहा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 11:59 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 11:59 PM (IST)
घंटों अस्पताल में होता रहा हंगामा, परेशान रहे मरीज, बाधित रही स्वास्थ्य सेवा
घंटों अस्पताल में होता रहा हंगामा, परेशान रहे मरीज, बाधित रही स्वास्थ्य सेवा

मोतिहारी। पताही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एंबुलेंस पर ईएमटी के रूप में अपनी सेवा दे रहे रमेश कुमार की मौत के बाद शुक्रवार को सदर अस्पताल में घंटों हंगामा होता रहा। इस क्रम में अस्पताल के सामने की सड़क को करीब छह घंटे तक जाम रखा गया। सड़क पर जमकर आगजनी की गई। शव के साथ परिजन एवं एंबुलेंस कर्मी नारेबाजी करते रहे। सड़क पर एंबुलेंस खड़ी कर पूरी तरह जाम कर दिया गया। नतीजतन आवागमन पूरी तरह ठप हो गया। इधर, ओपीडी की सेवाएं भी पूरी तरह बाधित कर दी गईं। सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक की निर्धारित अवधि में ओपीडी में कोई कामकाज नहीं हुआ। आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं थे। वे मुआवजे एवं नौकरी की गारंटी चाहते थे। इंतजार में बैठे रहे मरीज

loksabha election banner

अस्पताल परिसर में अफरातफरी के बीच ओपीडी खुलने के इंतजार में दूर-दराज से आए मरीज घंटों बैठकर इंतजार करते नजर आए। अंतत: उन्हें निराशा हुई। ओपीडी नहीं खुला। कुछ लोगों ने निजी क्लीनिकों का रूख किया तो कुछ ने घर लौट जाना ही बेहतर समझा। इधर, ओपीडी के बाहर जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अमित अचल, जिला लेखा प्रबंधक आशुतोष कुमार चौधरी तथा अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी विनय कुमार ¨सह स्थिति पर नजर रखे हुए थे। उनकी कोशिश थी कि स्थिति सामान्य हो जाए। डीपीएम राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सहित अन्य वरीय पदाधिकारियों से संपर्क बनाए हुए थे। लिपिकीय कार्य भी रहा बाधित

हंगामे का आलम यह था कि पूरे सदर अस्पताल परिसर में सभी तरह की सेवाएं बाधित कर दी गईं। एक इमरजेंसी को छोड़ कोई कामकाज नहीं हुआ। सिविल सर्जन कार्यालय, जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय, एसीएमओ कार्यालय आदि में तालाबंदी कर दी गई थी। वहां के कर्मी परिसर में चहलकदमी करते नजर आए। आंदोलनकारियों ने सिविल सर्जन कार्यालय में ताला लगाने के साथ ही वहां एक साथ कई एंबुलेंस खड़ी कर मुख्य द्वार को पूरी तरह जाम कर दिया था। रात भर बैठे रहे आंदोलनकारी

सड़क दुर्घटना में अपने साथी की मौत के बाद मुआवजे सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलनकारियों ने गुरुवार की रात जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय के सामने बैठकर बिताया। वहां शव को रखकर वे मुआवजे की मांग करते रहे। रात में किसी तरह की पहल होता नहीं देख वे उग्र हो गए और सुबह होते ही परिसर में हंगामा करना शुरू कर दिया। वे अपनी मांग पर ठोस कार्रवाई चाहते थे। उनका आरोप था कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मामले में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। रोते-बिलखते रहे परिजन

सड़क दुर्घटना में मृत एंबुलेंस कर्मी रमेश कुमार की पत्नी अनिता देवी अपने बच्चों के साथ सड़क पर बेहाल-सी बैठी थीं। आसपास के लोग उन्हें समझाने की कोशिश भी कर रहे थे। मगर जैसे ही अपने पति के शव पर उनकी नजर पड़ती चीख-पुकार शुरू हो जाता। बाजू में बैठी दो बेटियां 11 वर्षीया सिमरन एवं 10 वर्षीया श्रृष्टि को तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि अब उनके पिता इस दुनिया में नहीं हैं। बगल में खड़ा बेटा 14 वर्षीय अभिषेक कभी मां को संभाल रहा था तो कभी बहनों को चुप करा रहा था। मगर पिता के नहीं होने का दर्द वह भी सहन करने में असमर्थ था। जब भी कोई आता वह कहता- सर, अब हमारा क्या होगा। हमारे पिता अब नहीं रहे। हमें कौन पढ़ाएगा। मेरी मां की नौकरी आंगनबाड़ी में होने वाली थी। वह उसके लिए पात्र भी थी। मगर उसे वही नौकरी भी नहीं मिली। अब तो हम लोग सड़क पर आ गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.