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जिलाधिकारी के प्रयास को ठेंगा दिखा रहा स्वास्थ्य विभाग

मोतिहारी । जिले के स्वास्थ्य विभाग में अमूमन जो भी अच्छा होना होता है वह हर बार यहां की स्वास्थ्य समिति के पदाधिकारियों की लचर कार्यशैली की भेंट चढ़ जाता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 10:44 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 10:44 PM (IST)
जिलाधिकारी के प्रयास को ठेंगा दिखा रहा स्वास्थ्य विभाग
जिलाधिकारी के प्रयास को ठेंगा दिखा रहा स्वास्थ्य विभाग

मोतिहारी । जिले के स्वास्थ्य विभाग में अमूमन जो भी अच्छा होना होता है, वह हर बार यहां की स्वास्थ्य समिति के पदाधिकारियों की लचर कार्यशैली की भेंट चढ़ जाता है। सरकार की महती योजना वेलनेस सेंटर के बंटाधार का मामला अभी ताजा ही था कि अब डीएनबी पाठ्यक्रम के संचालित होने के पहले ही इसपर भी ग्रहण लगता दिख रहा है। जिले के स्वास्थ्य महकमे के शीर्ष पर बैठे लोग जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक के शिद्दत से किये गए प्रयास पर पानी फेरने में लगे हैं। हद तो यह है कि यहां के विभागीय पदाधिकारी, राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश को भी ठेंगा दिखाने से नही चूकते। यहां बता दें कि लंबे जद्दोजहद व जिलाधिकारी श्री अशोक के अथक प्रयास के बाद अब सदर अस्पताल में डीएनबी पाठ्यक्रम की मंजूरी मिली है। इसी सत्र से पाठ्यक्रम का संचालन भी होना है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि अभी तक संस्थान के लिए चयनित जीएनएम कॉलेज के चिन्हित हिस्से निदेशक को नही सौंपा जा सका है। जबकि सर्वोच्च न्यायालय से निर्णय आने के बाद देश में नीट उतीर्ण पीजी के छात्रों की काउंसलिग भी शुरू हो गई है। लेकिन अभी तक चीजें फाइलों में ही सिमटी हैं। धरातल पर न तो इसका कार्यालय खोला जा सका है न ही विभागीय निर्देशानुसार ई-लॉगबुक का ही संधारण हो पा रहा है। राज्य के निर्देश की हो रही अवहेलना

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संस्थान के लिए चयनित भवन कोर्स निदेशक को हस्तांतरित करने संबंधी पत्र प्राप्त होने के बाद भी अबतक यहां के पदाधिकारियों की तन्द्रा नहीं टूटी है। पिछले दिनों डीएनबी कोर्स निदेशक डॉ कुमार अमृतांशु द्वारा भवन के चयनित हिस्से को हस्तांतरित करने के लिए सीएस को पत्र लिखा गया था। सीएस ने आवेदन पर अर्जेंट लिखकर डीपीएम व डैम को अग्रसारित कर दिया। मगर इसके तीन दिन से ज्यादा समय बीतने के बाद भी हालात यथावत हैं। ऐसे बनना है संस्थान

जीएनएम कॉलेज के दाहिने तरफ का पहला हिस्सा इसके चार रूम में से एक में गायनी रोग प्रभाग, दूसरे में शिशु रोग प्रभाग, तीसरे रूम में रिकॉर्ड रूम सह कार्यालय व चौथे रूम में सेमिनार हॉल बनना है। वहीं बायीं तरफ के दूसरे हिस्से में लाइब्रेरी व दाहिने तरफ स्थित एक कमरे में कोर्स डायरेक्टर कार्यालय बनना है। लेकिन न तो अभी तक कॉलेज के इन हिस्सों को संस्थान को हस्तांतरित किया गया है न ही अभी तक किसी तरह के संसाधन की ही व्यवस्था की जा सकी है। जबकि संस्थान संचालन के लिए केंद्र द्वारा पहले ही बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति को राशि भेज दी गई है, जो जिला स्वास्थ्य समिति के मा़र्फत संस्थान को मिलना है। लेकिन कतिपय कारणों से अभी तक यह राशि राज्य स्वास्थ्य समिति के पास ही पड़ा है। वर्जन

भवन के चयनित हिस्से को हस्तांतरित करने के लिए पहले ही निर्देश जारी किया गया है। किन कारणों से यह कार्य अब तक लंबित है उसकी पड़ताल की जाएगी।

- डॉ अंजनी कुमार, सिविल सर्जन पूर्वी चंपारण


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