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सर! यूनिवर्सिटी खोल दीजिए, वरना हमारी उच्च शिक्षा होगी प्रभावित

मोतिहारी। सर! हमारा सत्र पहले से ही लेट चल रहा है। तीन महीने की देरी हो गई प्रथम सेमेस्टर के नामांकन

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 11:41 PM (IST)Updated: Wed, 29 Aug 2018 11:41 PM (IST)
सर! यूनिवर्सिटी खोल दीजिए, वरना हमारी उच्च शिक्षा होगी प्रभावित
सर! यूनिवर्सिटी खोल दीजिए, वरना हमारी उच्च शिक्षा होगी प्रभावित

मोतिहारी। सर! हमारा सत्र पहले से ही लेट चल रहा है। तीन महीने की देरी हो गई प्रथम सेमेस्टर के नामांकन में। यह बेहद जरूरी है कि हम अपना शैक्षणिक सत्र मानक समय के अंदर पूरा करें। यदि हम मानक के अनुरूप सत्र पूर्ण नहीं करते तो केंद्रीय विश्वविद्यालय के नियमों के अनुरूप हमारा नामांकन उच्च शिक्षा में नहीं हो पाएगा। जहां तक 'शाइन डाई' का सवाल है तो यह विदित है कि विश्वविद्यालय बुरी स्थिति से गुजर रहा है। हम लोग खुद को न तो कैंपस में सुरक्षित महसूस कर पा रहे हैं। नहीं इसके आसपास। खासतौर पर लड़कियां। चौकिएं मत! ये शब्द मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के हैं, जिन्हें कागज पर उकेरते हुए आवेदन की शक्ल में विद्यार्थियों ने विवि के कुलपति डा. अर¨वद अग्रवाल को भेजा है। आवेदन पर विद्यार्थियों ने अपनी पीड़ा को कहते हुए लिखा है इन तमाम स्थितियों में हम आपको (कुलपति) को विश्वास दिलाते हैं- 'हमारी कोशिश होगी कि विश्वविद्यालय के नियमों के अनुरूप पठन-पाठन करें। परिसर में शांति और सद्भाव बनाए रखें। हमारा अनुरोध है कि विश्वविद्यालय खोला जाए और वैसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए जो शैक्षणिक माहौल को बिगाड़ रहे हैं। कुलपति के अलावा विद्यार्थियों ने अपने आवेदन को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव को भी भेजा है। सूत्र बताते हैं कि छात्रों के इस मानवीय आवेदन के आलोक में विश्वविद्यालय प्रशासन ने आवश्यक प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुलपति के स्तर पर इस दिशा में सकारात्मक कार्रवाई की जा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि यूनिवर्सिटी समय रहते खुल जाएगी। हालांकि, अभी इस दिशा में आधिकारिक स्तर पर कोई घोषणा नहीं की गई है।

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छात्रों के आवेदन पर चल रही कार्रवाई, आएंगे सकारात्मक नतीजे वीसी

विश्वविद्यालय में लगे 'शाइन डाई' को समाप्त कर शैक्षणिक सत्र आरंभ करने के सवाल पर यहां के कुलपति डा. अर¨वद अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि छात्रों की ओर से आवेदन मिला है। परिस्थितियां ऐसी बन गईं कि विश्वविद्यालय प्रशासन को इस तरह का निर्णय लेना पड़ा। सबसे जरूरी था शांत माहौल, जो नहीं था। इन कारणों के मद्देनजर छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर 'शाइन डाई' की घोषणा की गई है। छात्रों के आवेदन के आलोक में आवश्यक प्रक्रिया की जा रही है। सकारात्मक दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही नतीजे आएंगे। बेहतर नतीजे आएंगे। मेरे लिए छात्रों की सुरक्षा और उनका भविष्य दोनों महत्वपूर्ण है।

विधान पार्षद को दी गई जानकारी 33.37 एकड़ जमीन पर दिया जा चुका है कब्जा

विश्वविद्यालय को जमीन मिलने में हो रही देरी का मुद्दा विधान परिषद सदस्य राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता ने 13 दिसंबर 2017 को मोतिहारी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आयोजित बैठक में उठाया था। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री सचिवालय में दायर परिवाद के आलोक में मोतिहारी के भू-अर्जन पदाधिकारी ने श्री गुप्ता को 21 अगस्त 2018 को जानकारी उपलब्ध कराई है। प्रशासनिक स्तर पर दी गई जानकारी में कहा गया है कि मोतिहारी अंचल के फुरसतपुर और बनकट में जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इसके तहत फुरसतपुर के थाना नंबर 208 में 103 एकड़ और बनकट में 33.37 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें से 194 के कुल अर्जित 33.37 एकड़ जमीन के रैयतों को मुआवजे का भुगतान कर दिया गया है। शिक्षा विभाग से मिले निर्देश के आलोक में कुलपति, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय को ग्राम बनकट में दखल-कब्जा सौंप दिया गया है। जबकि थाना नंबर 208 में अर्जित कुल 103.03 एकड़ भूमि के खतियान के अनुसार शत-प्रतिशत भूमि गैर-जरूआ मालिक होने के कारण उसके स्वामित्व की जांच की जा रही है। जांच के बाद इस जमीन पर भी दखल-कब्जा सौंप दिया जाएगा। विधान पार्षद ने बताया कि जानकारी मिली है। इस दिशा में आगे की प्रक्रिया कराने की दिशा में काम होगा।


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