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खून से सने हाथ अब धरती को करेंगे हरा-भरा

कल तक जो हाथ खून से लाल होते थे अब वे हाथ इस धरती को हरा-भरा भी बनाएंगे। उनके हाथों में बागवानी लगाने के औजार होंगे और सपने में हरियाली होगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Mar 2020 12:26 AM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2020 06:20 AM (IST)
खून से सने हाथ अब धरती को करेंगे हरा-भरा
खून से सने हाथ अब धरती को करेंगे हरा-भरा

मोतिहारी । कल तक जो हाथ खून से लाल होते थे अब वे हाथ इस धरती को हरा-भरा भी बनाएंगे। उनके हाथों में बागवानी लगाने के औजार होंगे और सपने में हरियाली होगी। केंद्रीय कारा में इस प्रकार के बंदियों को स्वावलंबी बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कारा में बंद सजायाफ्ता बंदियों को संस्कारित कर उन्हें रोजगार के गुर सिखाए जा रहे हैं। कारा प्रशासन का मानना है कि जब वे जेल से बाहर निकलेंगे तो वे इस स्थिति में होंगे कि स्वरोजगार कर अपना जीवकोपार्जन कर सके। कारा में बंद इस प्रकार के 80 बंदियों को प्रशिक्षण के लिए चयनित किया गया है। यह योजना भारत सरकार के कौशल विकास के तहत चलाया जा रहा है। इसमें इन बंदियों की बायोमीट्रिक हाजिरी भी लगेगी व सरकार द्वारा निर्धारित मानदेय भी दिया जाएगा। कौशल विकास मिशन द्वारा निर्धारित मानदेय का भुगतान उनके खाता में किया जाएगा। कौशल विकास के को-ऑर्डिनेटर नरेंद्र देव कारा का दौरा कर इस योजना की शुरूआत कर चुके हैं। बताया गया कि बिहार के तीन केंद्रीय कारा में यह अभियान शुरू किया गया है। जिसमें पटना का बेउर जेल, आदर्श कारा भागलपुर व केंद्रीय कारा मोतिहारी शामिल हैं। इस योजना के तहत स्वावलंबन के साथ पुनर्वास की भी योजना है। इसके अलावा बंदियों को शिक्षा भी दी जा रही है। अनपढ़ बंदियों को साक्षर बनाया जा रहा है। इसके अलावा बंदियों को योग, सामूहिक प्रार्थना की भी शिक्षा दी जा रही है। इसके अलावा बंदियों को चित्रकला, कम्प्यूटर शिक्षा, काशिदाकारी, सिलाई का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कई बंदियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिन बंदियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करना है उनके लिए बिहार बोर्ड व इग्नू से शिक्षा दिलाई जा रही है।

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वर्जन

कारा में बंद 2355 बंदियों में से 80 सजायाफ्ता बंदी प्रशिक्षण ले रहे हैं। कई बंदियों को उच्च शिक्षा भी दी जा रही है। बंदियों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा मानदेय का भुगतान किया जाएगा। यह राशि सीधे उनके खाता में भेजी जाएगी। सरकार का यह प्रयास है कि कैदी का अतीत भले ही बहुत खराब रहा हो मगर भविष्य उनका बेहतर होना चाहिए, इसलिए इस प्रकार के सकारात्मक व सृजनात्मक कार्यक्रम जेल के अंदर चलाया जा रहा है।

विदु कुमार

जेल अधीक्षक

केंद्रीय कारा, मोतिहारी

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