बहुआयामी व्यक्तित्त्व के धनी थे पूर्व कुलपति डॉ. वीरेंद्र पाण्डेय
मोतिहारी । शिक्षाविद पत्रकार व सांस्कृतिक महोत्सवों के पुरोधा सह मगध विश्वविद्यालय बोधगया के पूर्व कुलपति प्रो.( डॉ.) वीरेन्द्र नाथ पाण्डेय की द्वितीय पुण्यतिथि गुरुवार को बलुआ टाल स्थित उनके पैतृक निवास पर मनाई गई ।
मोतिहारी । शिक्षाविद, पत्रकार व सांस्कृतिक महोत्सवों के पुरोधा सह मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के पूर्व कुलपति प्रो.( डॉ.) वीरेन्द्र नाथ पाण्डेय की द्वितीय पुण्यतिथि गुरुवार को बलुआ टाल स्थित उनके पैतृक निवास पर मनाई गई । प्रो.( डॉ.) वीरेन्द्र नाथ पाण्डेय मेमोरियल ट्रस्ट के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम का आगाज सर्वधर्म प्रार्थना सभा से हुआ। तत्पश्चात उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर लोगों ने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। इसके पूर्व प्रो. विजय शंकर पाण्डेय ने कलाकर्मी व पत्रकार संजय पाण्डेय द्वारा लिखित 'प्रो.( डॉ.) वीरेन्द्र नाथ पाण्डेय-व्यक्तित्व एवं कृतित्व' का भावपूर्ण वाचन किया। इस अवसर पर मुंशी सिंह कॉलेज के प्राचार्य प्रो.( डॉ.) अरुण कुमार ने कहा कि अपने बहुआयामी व्यक्तित्त्व और बहुमुखी प्रतिभा की बदौलत अनवरत ऊंचाइयॉ हासिल कर डॉ. पाण्डेय ने देश- दुनिया में नये कीर्तिमान स्थापित किए। वहीं सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ.अतुल कुमार ने कहा कि अछ्वूत प्रतिभावान डॉ.पाण्डेय की प्रशासनिक क्षमता से प्रभावित होकर सरकार ने उन्हें देश की कई सर्वोच्च कमेटियों में सम्मानित जगह दी। गायिका डॉ. नीतू कुमारी 'नूतन' ने कहा कि सदियों बाद डॉ. पाण्डेय सरीखे व्यक्तित्व का अवतरण होता है, ऐसी विभूति अपनी साधना तथा अपने कर्म - कौशल से दुनिया के लिए मिशाल छोड़ जाते हैं। वरीय संस्कृतिकर्मी अनिल वर्मा ने कहा कि डॉ. पाण्डेय ने चंपारण सांस्कृतिक महोत्सव के मंच पर दुनिया के महान कला - विभूतियों को बुलाकर ऐतिहासिक कार्य किया। वरीय पत्रकार संजय ठाकुर ने कहा कि कला व शिक्षा के क्षेत्र में उनके कार्यों को जनमानस तक पहुंचाना हम सबका दायित्व है। इस अवसर पर जिले के नामचीन कलाकार रामचंद्र साह, अनुराग कुमार मिश्र, प्रमोद कुमार दूबे एवं प्रो.( डॉ.) अरुण कुमार ने क्रमश: निर्गुण की प्रस्तुति देकर लोगों को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। तबले पर शैलेंद्र कुमार सिन्हा ने कुशल संगति की। मौके पर पंजाब नेशनल बैंक के जिला समन्वयक नीरज सिन्हा, देवप्रिय मुखर्जी, रंगकर्मी अभय अनंत, कौशल किशोर पाठक, सरदार सुभाष सिंह ज्ञानी, मौलाना एकरामुलहम, पत्रकार अरुण तिवारी, सागर सूरज, अरुण सिंह, अंशु कुमार, अरुण मिश्रा, रणधीर कुमार, उपेंद्र तिवारी, ई.राजेश तिवारी, ऋतिक विराज पाण्डेय आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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