मोतिहारी में जमीन रजिस्ट्री में रिश्वत मांगने का वायरल ऑडियो मामले में संविदा लिपिक सहित दो पर प्राथमिकी
East Champaran Crime इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के साथ निबंधन कार्यालय में भ्रष्टाचार का खेल पहुंचा थाना। उत्पाद व निबंघन विभाग के अपर मुख्य सचिव के आदेश पर थाने में दर्ज कराई गई प्राथमिकी। आडियो में जमीन रजिस्ट्री करने के लिए 150000 रुपये रिश्वत की मांग की जा रही।
मोतिहारी (पूचं), जासं। निबंधन कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री के नाम पर अवैध उगाही का खेल अब बेपर्द हो गया है। निबंधन कार्यालय में भ्रष्टाचार का खेल इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के साथ ही अब थाना तक पहुंच गया है। उत्पाद व निबंघन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश पर सोमवार को थाने में इसकी प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसमें कार्यालय के संविदा लिपिक कृष्णा कुमार सिंह व शहर के मिस्कौट मोहल्ला निवासी संजय कुमार को आरोपित किया गया है। अब इस मामले की जांच मोतिहारी सदर पुलिस उपाधीक्षक अरूण कुमार करेंगे।
बताया जाता है कि इस प्रकार के मामले की डीएसपी या उससे उच्चस्तर के अधिकारी ही जांच करते हैं। बताया जाता है कि इंटरनेट मीडिया में वायरल आडियो में जमीन की रजिस्ट्री करने के लिए एक लाख 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग की जा रही है। यह वायरल ऑडियो किसी प्रकार उत्पाद व निबंघन विभाग के अपर मुख सचिव केके पाठक के पास पहुंच गई। उन्होंने जब इसे सुना और प्रथमदृष्टया अपने स्तर से पड़ताल करने के बाद मामले में कानूनी कार्रवाई के लिए जिला अवर निबंधन पदाधिकारी को संबंधित आरोपितों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया। इस आलोक में जिला अवर निबंधन कार्यालय के कार्यालय अधीक्षक उमाशंकर पासवान ने नगर थाना में आवेदन देकर कार्यालय के संविदा लिपिक कृष्णा कुमार सिंह व शहर के मिस्कौट मोहल्ला निवासी संजय कुमार पर प्राथमिकी दर्ज कराई है।
पुलिस को दिए गए आवेदन में कहा गया है कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बनकट गांव निवासी शिव कुमार को अपने गांव के खाता संख्या 26 व खेसरा संख्या 663 में 16 धुर जमीन के निबंधन एकरार कराना था। इसके लिए उनसे एक लाख 50 हजार की रिश्वत मांगी गई थी। जानकारी के अनुसार शिव कुमार 16 धुर का यह भूखंड अपने इलाज के लिए अपनी पुत्री व से बेचना चाहता था। इसके लिए वह कागजात लेकर निबंधन कार्यालय गया तो वहां कृष्णा सिंह व राजीव श्रीवास्तव उनसे मिले। उन्होंने उनको अपना कागजात दे दिया। कागजात देखने के बाद दोनों ने कागजात को सही बताया, लेकिन जब इसके लिए चालान कटवाने की बात हुई तो फिर दोनों ने उसी कागजात को गलत बताया व रिश्वत की मांग की।
दोनों ने कहा कि इस कागजात के आधार पर भूमि निबंधन के लिए उसे डेढ़ लाख रुपये रिश्वत के तौर पर खर्च करने होंगे। दोनों की इस बातचीत को उसने टेप कर लिया। इसके बाद शिव कुमार ने इसकी शिकायत विभागीय अपर सचिव केके पाठक से की। वहीं इस सिलसिले में सरकार के संयुक्त सचिव विनय कुमार ने भी जिला अवर निबंधक पदाधिकारी वंदना कुमारी को पत्र लिखकर दो दिनों के अन्दर पूरे मामले में स्पष्टीकरण तलब किया है।