कृषिकर्मियों को मिला मृदा स्वास्थ्य कार्ड व उर्वरक अनुशंसा का प्रशिक्षण
मोतिहारी। फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर जिला कृषि कार्यालय परिसर स्थित सभागार में शनिवार को एक दिवसीय जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
मोतिहारी। फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर जिला कृषि कार्यालय परिसर स्थित सभागार में शनिवार को एक दिवसीय जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला कृषि पदाधिकारी डॉ. ओंकारनाथ सिंह ने कहा कि अगर कोई किसान अपने खेतों में फसल अवशेष को जलाते हुए पकड़े जाते है तो वैसे किसानों को किसी तरह की सरकारी सुविधा व अनुदान से वंचित होना होगा। इसको लेकर व्यापक जागरूकता की आवश्यकता है। ताकि, किसान ऐसा करने से बचे। साथ ही सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, तकनीकी प्रबंधक, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी, कृषि समन्वयक व किसान सलाहकारों को फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर किसानों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया। इसके उपरांत मृदा स्वास्थ्य कार्ड पढ़ने, समझने व अनुदेशों के अनुरूप उर्वरक अनुशंसा प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत मृदा विशेषज्ञ अरूण कुमार गिरि द्वारा मौजूद कृषि पदाधिकारी व कमियों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड 2019-20 के तहत किसानों के खेतों से मिट्टी का नमूना संग्रह करने की जानकारी दी गई। साथ ही स्वायल हेल्थ कार्ड में अंकित फलाफल के आधार पर किसानों को खेतों में उर्वरक देने की जानकारी उपलब्ध कराई गई। ताकि किसान खेतों की जरूरत को समझते हुए उर्वरक का इस्तेमाल कर सके। इसके लिए किसानों को मिट्टी जांच के लिए जागरूक करने की बात कही गई। इससे किसान अपने खेतों की सेहत से रूबरू हो सकेंगे। प्रशिक्षण के दौरान संयुक्त निदेशक शास्य कृष्ण बिहारी प्रसाद, केविके प्रमुख डॉ. अरविद कुमार सिंह, आशीष कुमार ने सभी कृषि पदाधिकारियों व कृषि कर्मियों को बारी-बारी से प्रशिक्षित किया। मौके पर नंदकिशार सिंह, दीपक कुमार, उमेश कुमार सिंह, राजेश कुमार, धर्मेंद्र कुमार सिंह, अजय कुमार पांडेय, संदीप कुमार सहित सभी पदाधिकारी व कर्मी मौजूद थे।