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बाढ़ क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा सुलभ बनाने की कवायद

मोतिहारी । बाढ़ की विभीषिका ने पूर्वी चंपारण के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 10:52 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 10:52 PM (IST)
बाढ़ क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा सुलभ बनाने की कवायद
बाढ़ क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा सुलभ बनाने की कवायद

मोतिहारी । बाढ़ की विभीषिका ने पूर्वी चंपारण के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया है। ऐसे में संग्रामपुर, केसरिया, अरेराज, बंजरिया, सुगौली, पताही सहित सभी प्रभावित इलाकों में जिला प्रशासन की ओर से राहत कार्य को तेज कर दिया गया है। मौजूदा समय में कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच बाढ़ में स्वास्थ्य सेवा को बहाल रखने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। दोगुनी चुनौतियों के बीच भी स्वास्थ्य कर्मियों की टीम पूरी तरह से तैयार है। सिविल सर्जन डॉ. रिजवान अहमद ने बताया कि सभी जरूरी दवाओं की उपलब्धता के साथ-साथ चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की टीम सक्रिय कर दी गई है। जिला प्रशासन की ओर से लगाए जाने वाले राहत शिविरों में ही चिकित्सकों के साथ स्वास्थ्य कर्मी उपलब्ध रहेंगे। सभी जरूरी दवाएं यहां उपलब्ध रहेंगी।

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स्कूलों व सामुदायिक भवनों में है वैकल्पिक व्यवस्था सिविल सर्जन ने बताया कि जिन इलाकों में बाढ़ के पानी के कारण पीएचसी तक पहुंच में परेशानी हो रही है, वहां के स्कूलों और सामुदायिक भवन जैसी जगहों पर वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करनी है, ताकि स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों। बाढ़ जैसी आपदा के समय में स्वास्थ्य कर्मियों की टीम पूरी तरह से मुस्तैद है। बाढ़ और उसके बाद का समय काफी चुनौतियों भरा होता है। संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सेहत पर विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है।

बाढ़ में बढ़ जाता है सर्पदंश का खतरा बाढ़ में सर्पदंश का खतरा खासकर ग्रामीण इलाकों में काफी बढ़ जाता है। इसे देखते हुए सर्पदंश से बचाव की दवा की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसके साथ ही एंटी रेबिज की दवा भी स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से पीड़ितों तक पहुंचेगी। बाढ़ के दौरान सबसे अधिक समस्या पेयजल को लेकर होती है। इसके लिए जलशोधक दवाओं को भी पीएचसी स्तर पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि दूषित पानी पीने से लोग बीमार न हों।

ये सावधानी बरतनी जरूरी गंदा पानी न पिएं, बासी भोजन न करें, खुले में शौच न करें, बच्चों को गंदे पानी में न खेलने दें, खुले में रखें खानपान की सामग्री को न रखें। बाढ़ के समय संक्रामक रोगों से बचने के लिए बाढ़ के पानी से दूर रहें, बाढ़ के बाद कूड़ा एकत्र न होने दें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में ब्लीचिग पाउडर का छिड़काव अवश्य करें, हैंडपंप के पानी में क्लोरीन की टैबलेट डालकर पीने में प्रयोग करें, उल्टी-दस्त होने पर तुरन्त उबला पानी व ओआरएस का प्रयोग करें। बीमार होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। मदद के लिए जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। मोबाइल नंबर-9264457291 पर कॉल कर किसी भी आपात स्थिति में सहायता ली जा सकती है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। यहां 06252-242418 पर भी संपर्क किया जा सकता है।


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