मार्च से होगा ऐतिहासिक स्थल रानीवास का उत्खनन
केसरिया बौद्ध स्तूप परिसर में शुक्रवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा स्तूप से संबंधित पुस्तक का विमोचन किया गया।
मोतिहारी। केसरिया बौद्ध स्तूप परिसर में शुक्रवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा स्तूप से संबंधित पुस्तक का विमोचन किया गया। 'एक्सकेवेटेड बुद्धिस्ट स्तूप केसरिया' नाम के इस पुस्तक का विमोचन एएसआइ की क्षेत्रीय प्रबंधक नंदिनी भटाचार्य ने किया। उन्होंने कहा कि इस पत्रिका के माध्यम से केसरिया बौद्ध स्तूप के इतिहास और वर्तमान में चल रहे विकास कार्य को लेखित किया गया है। वहीं, बौद्ध स्तूप की खुदाई के दौरान परिक्रमा पथ निकलने के कारण बौद्ध स्तूप से कई और ऐसे संरचना निकलने की संभावना है। इस क्रम में पुरातत्वविद् गौतमी भट्टाचार्य ने कहा कि परिक्रमा पथ की संरचना निकलने के कारण बौद्ध स्तूप परिसर का विस्तार करना होगा। क्योंकि परिक्रमा पथ निकलने के कारण जगह की कमी हो गई है। बौद्ध स्तूप के दक्षिण, उत्तर तथा पूरब दिशा में दूसरे चरण में भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। अगर कोई संरचना नहीं भी मिलती है तो पर्यटकों के लिए पार्क या और जरूरी चीजों के लिए उस भूमि का उपयोग किया जा सकेगा। दूसरे चरण के भूमि अधिग्रहण के लिए विभाग को शीघ्र ही लिखा जाएगा। वहीं, स्तूप के उत्तर में अवस्थित रानीवास की खुदाई के संबंध में कहा कि मार्च माह में खुदाई शुरू की जाएगी। निर्माणाधीन शौचालय के कार्य को जल्द पूर्ण करने का निर्देश दिया ताकि पर्यटकों को परेशानी नहीं हो। कहा- दूसरे कई जगहों पर देखा गया है कि स्तूप के बगल में कई तरह की संरचनाएं मिलती हैं। यहां भी इस तरह की संभावनाएं हैं। वहीं, बौद्ध स्तूप परिसर में अनाधिकृत प्रवेश करने वाले जगहों को पूर्ण रूप से बंद करने का आदेश दिया गया, ताकि खुदाई में निकल रही संरचनाओं को किसी प्रकार का कोई नुकसान न हो।
मौके पर पुरातत्वविद् एचए नायक, सेवानिवृत पुरातत्वविद डॉ. बीएन सिन्हा, उप पुरातत्वविद् अनुराग सिन्हा, संरक्षण सहायक विक्रम झा, नीरज कुमार, वीरेंद्र कुमार, दिनेश कुमार, सहेंद्र प्रसाद यादव आदि मौजूद थे।