नाले के अतिक्रमण का हश्र देखना हो तो बाइपास-कचहरी रोड आइए
वैसे तो पूरे शहर में नालों का अतिक्रमण आम है। मगर रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने से आम लोगों की हो रही परेशानी का उदाहरण देखना हो तो शहर के बाइपास-कचहरी इलाके का आप भ्रमण कर सकते हैं। इस रोड में बड़े रसूखदारों ने न सिर्फ नाला बल्कि सड़क की जमीन तक को अतिक्रमित कर लिया है।
मोतिहारी । वैसे तो पूरे शहर में नालों का अतिक्रमण आम है। मगर रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने से आम लोगों की हो रही परेशानी का उदाहरण देखना हो तो शहर के बाइपास-कचहरी इलाके का आप भ्रमण कर सकते हैं। इस रोड में बड़े रसूखदारों ने न सिर्फ नाला बल्कि सड़क की जमीन तक को अतिक्रमित कर लिया है। बावजूद इसके प्रशासन इस दिशा में कोई कारगर कार्रवाई करने से कतरा रहा है। बताया जाता है कि इस मार्ग पर नाले का अतिक्रमण कर लिए जाने से हल्की बूंदा-बादी में भी सड़क पर जलजमाव आम हो जाता है। युवा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणजीत गिरी ने बताया कि ये कचहरी-बाइपास रोड बाईपास से लेकर कचहरी तक पहले एकदम क्लीन रहता था, क्योंकि दोनों तरफ नाली थी। सबसे पहले नाली पर अतिक्रमण करके एक विद्यालय ने परमानेंट कंस्ट्रक्शन कर दिया जिसके चलते बाद में देखा-देखी सभी लोगों ने नाली को एकदम से बिना नाला बनाए पाइप लगाए अपने सामने मिट्टी भरकर कब्जा कर लिया है । इसके चलते जलजमाव हो जा रहा है। आये दिन लोग गड्ढे में गिर रहे हैं। वर्तमान में सुबह से एक ट्रक इसमें फंसा हुआ है। बताया जाता है कि उसकी पती टूट गई है और आयेदिन घटना दुर्घटनाएं होती रहती है। इस सिलसिले में रंजीत गिरि ने जिला प्रशासन और नगर परिषद से मांग की है कि जल्द से जल्द अतिक्रमण को हटाते हुए नाले की व्यवस्था की जाए वरना पुरजोर आंदोलन होगा। सभी लोग परेशान हैं आयेदिन दुर्घटनाएं होती रहती है। इसके जिम्मेदार नगर परिषद और जिला प्रशासन होगा। आखिर प्रशासन ऐसे अतिक्रमण पर खामोश क्यों है जिससे आमजन प्रभावित हो रहा है और रोड़ टूटने से सरकार को लाखों का नुकसान होता है।
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