दुर्घटना के कारण बन सकते हैं जुगाड़ वाले रास्ते
अमृतसर में दशहरा के दिन रावण के पुतला दहन के दौरान हुए बड़े हादसे के बाद भी लोगों में जागरूकता नहीं आ पाई है।
मोतिहारी। अमृतसर में दशहरा के दिन रावण के पुतला दहन के दौरान हुए बड़े हादसे के बाद भी लोगों में जागरूकता नहीं आ पाई है। अपने तरीके से जुगाड़ तकनीक से शॉर्ट-कट रास्ता अपनाने के चक्कर में रेलखंड पर प्रतिदिन सैकड़ों लोग अपनी ¨जदगी दांव पर लगा रहे हैं। इस कारण कभी भी कोई बड़ी रेल दुर्घटना हो सकती है। स्थानीय स्तर रेलवे ट्रैक पर आने वाले रास्ते को रेलवे के इंजीनिय¨रग विभाग ने कई बार बंद कराया। लेकिन, स्थानीय लोगों ने तोड़कर उसे फिर से रास्ता बना लिया। बता दे कि बलुआ रेलवे फाटक संख्या-159 के उपर ओवर ब्रिज बन जाने के कारण उसे बंद कर फाटक के दोनों तरफ दीवार खड़ा कर दिया गया है। लेकिन लोगों ने वहां भी दीवार तोड़कर रास्ता बना लिया है। जबकि बलुआ गुमटी से चांदमारी रेल फाटक संख्या- 159 के बीच जिला स्कूल के समीप रेलवे अपना दीवार खड़ा कर बैरिके¨डग किया गया है। लेकिन उसे भी लोगों ने विफल कर दिया। दीवाल को कई जगहों पर तोड़कर आम रास्ता बना दिया गया है। इतना ही नहीं कई लोगों ने तो रेलवे लाइन के किनारे गाय एवं भैंस बांध कर अपना खटाल खोल रखा है। इस स्थिति में किसी बड़े हादसे को आमंत्रण दिया जा रहा है। वजह यह कि इन शार्ट-कट रास्तों से प्रतिदिन सैकड़ों लोग प्रतिदिन आवाजाही करते हैं। लेकिन, रेलवे प्रशासन मुकदर्शक बना हुआ है। फुट ओवरब्रिज की बजाय लाइन पार रहे लोग
बापूधाम मोतिहारी स्टेशन पर भी प्रतिदिन सैकड़ों लोग प्लेटफार्म नंबर एक से दो पर जाने के लिए रेलवे ट्रैक पार करते हैं। जबकि चंद कदमों पर ही प्लेटफार्म नंबर एक से दो पर जाने के लिए फुटओवर ब्रिज बना हुआ है। लेकिन लोग शार्ट-कट रास्ता अपनाते हैं। उधर चकिया स्टेशन के दोनों तरफ रेलवे ट्रैक के किनारे मीट मछली का बाजार लगता है। जिसके कारण शाम में वहां लोगों की चहलकदमी बढ़ जाती है। जबकि चकिया रेलवे गुमटी पर दोनों तरफ फल दुकानदारों ने कब्जा जमा रखा है। समय रहते अगर इस पर कोई ठोस पहल नहीं की गई तो बड़ी घटना हो सकती है।