अमान्य प्रमाण पत्रों की जांच को विभागीय कार्रवाई प्रारंभ
आज भी ऐसे शिक्षकों की कमी नहीं है जो अमान्य प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। बकायदा वे वेतन भी ले रहे हैं। मगर अब ऐसा नहीं होगा।
मोतिहारी। आज भी ऐसे शिक्षकों की कमी नहीं है जो अमान्य प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। बकायदा वे वेतन भी ले रहे हैं। मगर अब ऐसा नहीं होगा। शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर उन्हें सेवामुक्त करने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाया है। इसको लेकर प्राथमिक शिक्षा के निदेशक अर¨वद कुमार वर्मा ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी कर अमान्य प्रमाण पत्र अर्हता के आधार पर कार्यरत शिक्षकों के विरूद्ध कार्रवाई करने का फरमान जारी किया है। इस निर्देश के आलोक में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) रूपेंद्र कुमार ¨सह ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि जारी शिड्यूल के अनुसार कार्य को पूरा करें। विभाग के इस कदम से उन शिक्षकों के होश उड़ गए हैं जो अमान्य संस्थानों के प्रमाण पत्र के आधार पर काम कर रहे हैं। तय समय सीमा में पूरी करनी है कार्रवाई उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में निदेशक द्वारा जारी निर्देश के अनुसार अमान्य प्रमाण पत्र पर कार्य कर रहे शिक्षकों की पहचान कर कार्रवाई की जानी है। इस कार्रवाई के तहत अमान्य प्रमाण पत्र एवं गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों से प्राप्त डिग्री के आधार पर कार्यरत शिक्षकों की सेवा समाप्त की जानी है। इसके लिए समीक्षा करने तथा कार्रवाई प्रारंभ करने को लेकर शिड्यूल जारी किया गया है। जारी शिड्यूल के अनुसार 15 दिसंबर तक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा विहित प्रपत्र में सूचना विद्यालय से प्राप्त करना है। वहीं, 24 दिसंबर तक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विहित प्रपत्र में जिला कार्यालय को सूचना उपलब्ध कराएंगे। इस क्रम में 15 जनवरी तक जिला कार्यालय द्वारा प्राप्त सूचना की समीक्षा की जाएगी। तत्पश्चात 25 जनवरी तक अमान्य डिग्री पर कार्यरत शिक्षकों के विरूद्ध कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाएगी। अंतिम रूप से की गई कार्रवाई की जानकारी 25 फरवरी तक जिला कार्यालय द्वारा विहित प्रपत्र में निदेशक को प्रेषित की जाएगी। अमान्य संस्थानों में दो और नाम जुड़े शिक्षा विभाग ने अमान्य संस्थानों की सूची में दो और नाम शामिल किए हैं। अराजकीय सोगरा कॉलेज ऑफ एडुकेशन, बिहार शरीफ (नालंदा) एवं वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के प्रमाण पत्र को अमान्य घोषित कर दिया गया है। इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा के निदेशक अर¨वद कुमार वर्मा ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं डीपीओ स्थापना को निर्देशित किया है कि सोगरा कॉलेज ऑफ एडुकेशन से निर्गत बीएड से संबंधित शैक्षणिक अंक पत्र व प्रमाण पत्र राज्य में नियोजन हेतु स्वीकार योग्य नहीं है। वहीं, वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत शिक्षा शास्त्री की उपाधि की मान्यता बिहार सरकार द्वारा नहीं दी गई है। उन्होंने कहा है कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इन संस्थानों के प्रमाण पत्र के आधार पर अब भी विभिन्न जिलों में शिक्षक कार्यरत हैं। निर्देश दिया गया है कि ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाए तथा एक माह के अंदर की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन भी उपलब्ध कराया जाए। वर्जन :
मिले निर्देशों के आलोक में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अमान्य प्रमाण पत्रों के आधार पर कार्यरत शिक्षकों को चिन्हित करने के लिए सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। यह भी कहा गया है कि तय समय सीमा में कार्य को पूरा कर संबंधित प्रतिवेदन को उपलब्ध कराएं।
- रूपेंद्र कुमार ¨सह, डीपीओ (स्थापना)