खेतों में फैला पसाह नदी का पानी, फसल बर्बाद
आदापुर प्रखंड के किसानों के लिए पसाह नदी कभी वरदान तो कभी अभिशाप बन जा रही है।
मोतिहारी। आदापुर प्रखंड के किसानों के लिए पसाह नदी कभी वरदान तो कभी अभिशाप बन जा रही है। अगस्त माह में आए बाढ़ से किसान अभी उबर ही नहीं सके की गेहूं की बोआई के समय में ही पसाह नदी का पानी सैकड़ों एकड़ भूमि में फैल गया है। जिसके कारण कनूनिया कटकेनवा, बगही व बख्तौरा आदि गांव के दर्जनों किसान प्रभावित हो गए है। किसान देव कुमार यादव, देवचंद यादव, उदय बहादूर ¨सह, छठू पासवान, राम कैलाश ठाकुर, अम्बिका पासवान, ब्रहमानंद सहनी आदि का कहना है कि असमय खेतों में पानी भर जाने से दलहन, तेलहन व रबी फसल नुकसान हो गया है।
बताया जाता है कि इस नदी का पानी कनूनिया गांव के सामने बिखर कर मरधर नदी होते कुíमनिया गांव के समीप जीवीसी कैनाल में जा गिरता था। जिसके पानी से कूíमनिया, पचपोखरिया, झिटकहिया व बखरी के किसान ¨सचाई करते थे। लेकिन लोहडिया, तीनकोनी व बगही के लोग इसके पानी से बंचित हो जाया करते थे। इसको लेकर कुछ किसानों ने नदी को बांध कर पानी की धार को मोड़ दिया। दूसरी ओर जीवीसी कैनाल में मछुआरों ने इस पर और मिट्टी डालकर इसे और मजबूत कर दिया है। इस बीच नेपाल के गंडक नहर में सिचाई के लिए छोडा गया पानी पसाह नदी के समीप नहर टुटे होने के कारण गिरना शुरू कर दिया है। बीडीओ प्रभात रंजन ने बताया कि हमें इसकी जानकारी नहीं है। जानकारी कर समस्या का समाधान किया जाएगा।