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सत्तरघाट पुल निर्माण का हवाई निरीक्षण करेंगे मुख्यमंत्री

मोतिहारी। जिले के केसरिया प्रखंड स्थित सत्तरघाट पुल के निर्माण कार्य का हवाई निरीक्षण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 10:47 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 10:47 PM (IST)
सत्तरघाट पुल निर्माण का हवाई निरीक्षण करेंगे मुख्यमंत्री
सत्तरघाट पुल निर्माण का हवाई निरीक्षण करेंगे मुख्यमंत्री

मोतिहारी। जिले के केसरिया प्रखंड स्थित सत्तरघाट पुल के निर्माण कार्य का हवाई निरीक्षण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को करेंगे। इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। साथ ही पुल व एप्रोच पथ के निर्माण को लेकर कार्य भी तेज गति से चल रहा है। निर्माण एजेंसी को कार्य का ससमय पूरा करने को कहा गया है। बुधवार को भू-अर्जन विभाग भी भू-स्वामियों के भुगतान को लेकर सक्रिय दिखा। हाल के दिनों में भूमि अधिग्रहण के बाद भुगतान की प्रक्रिया में हुए फर्जीवाड़ा के बाद भुगतान कार्य पर एक प्रकार से रोक लग गई थी। सही लाभुकों की पहचान के कुछ नए दिशा-निर्देश जारी होने के बाद कागजात उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। वहीं कर्मियों के अभाव में भी भू-अर्जन विभाग का कार्य प्रभावित था। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि बुधवार को कागजात की जांच करने व लाभुकों की पूरी पहचान करने के बाद छह लोगों के भुगतान की स्वीकृति दी गई है। इधर केसरिया में बन रहे पुल के आसपास भारी संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती भी की गई है। बताया गया कि सीएम यहां हवाई सर्वे के बाद सीतामढ़ी में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। करीब डेढ़ किमी लंबे पुल के निर्माण का सीएम नीतीश ने किया था शिलान्यास जिले के केसरिया प्रखंड में गंडक नदी के सत्तरघाट पर सेतु के निर्माण का काम जारी है। करीब डेढ़ किमी लंबे इस पुल के बन जाने से जहां मोतिहारी एवं छपरा के बीच की दूरी 45 किमी कम हो जाएगी। वहीं पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, छपरा, सिवान, गोपालगंज सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई सीमावर्ती जिले लाभान्वित होंगे। बता दें कि इस पुल के निर्माण कार्य का शिलान्यास 20 अप्रैल 2012 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। मौके पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी एवं पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव भी उपस्थित थे। 2015 में निर्माण कार्य को पूरा करने का था लक्ष्य इस पुल के निर्माण के लिए 42 माह की समय सीमा तय थी। घोषणा की गई थी कि 15 अगस्त 2015 तक काम पूरा कर लिया जाएगा। मगर ऐसा नहीं हो सका। करीब तीन सौ करोड़ की लागत से बनने वाले उच्च स्तरीय आरसीसी पुल के निर्माण का लंबे समय से लोगों को इंतजार है। इस पुल के साथ पहुंच पथ एवं सुरक्षा तटबंघ भी बनाया जा रहा है। 12 मीटर चौड़े पुल में होंगे 25 पाए सत्तरघाट पुल की लंबाई 1440 मीटर है। जबकि इसकी चौड़ाई 12 मीटर है। कुल पायों की संख्या 25 एवं नींव का प्रकार कूप है। इस पुल के दोनो ओर पहुंच पथ बनाए जाने का काम भी प्रगति पर है। पहुंच पथ की कुल लंबाई 9.10 किमी है। पुल से केसरिया की ओर लाला छपरा चौक तक पहुंच पथ की लंबाई 4.39 किमी, जबकि दूसरी ओर बैकुंठपुर की ओर फैजुलाहपुर तक पहुंच पथ की लंबाई 4.62 किमी है। वहीं, गाइड बांध की कुल लंबाई 10.15 किमी है। आधा दर्जन जिलों के लोगों को मिलेगा लाभ यह पुल बिहार के आधा दर्जन जिलों सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के सीमाई जिलों के लिए छपरा-आरा गंगा पुल से होकर ¨लक का काम करेगा। आरा, बक्सर, सासाराम, औरंगाबाद आदि जिलों तक आने-जाने के लिए यह एक वैकल्पिक मार्ग होगा। इन स्थानों की ओर जाने के लिए पटना जाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह पुल मोतिहारी की ओर एनएच-28 एवं एसएच-74 तथा छपरा की ओर लखनपुर के पास एसएच-73 को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

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