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छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अ‌र्घ्य

मोतिहारी। लोक आस्था का चार दिवसीय चैत्र छठ महापर्व के तीसरे दिन सोमवार को व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दे विधिवत पूजा-अर्चना की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 11:47 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 06:13 AM (IST)
छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अ‌र्घ्य
छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अ‌र्घ्य

मोतिहारी। लोक आस्था का चार दिवसीय चैत्र छठ महापर्व के तीसरे दिन सोमवार को व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दे विधिवत पूजा-अर्चना की। चैत माह में 36 घंटों के निर्जल उपवास के बाद भी व्रतियों में पूजा-अर्चना को ले उत्साह देखा गया। व्रतियों के साथ उनके परिवार के सदस्यों ने भी आवासीय परिसर व छत पर घाटों पर छठ मईया की पूजा अर्चना की। पूजा के दौरान कोई व्रती दंड देता हुआ घाट पहुंचा तो कई व्रती घंटों पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर की अराधना करते दिखे। छठ घाटों पर संध्या अ‌र्घ्य के बाद व्रतियों ने मनोकामना पूर्ण होने के साथ अपने घरों में कोशी भरा। शहर के बलुआ, चांदमारी, अगरवा, श्रीकृष्ण नगर, बरियारपुर, रघुनाथपुर आदि मोहल्लों में लोगों में छठ पूजा को लेकर उत्साह दिखा। सुगौली : प्रखंड क्षेत्र के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के आवासीय परिसर में बने छट घाटों पर लोक आस्था के महान पर्व चैती छठ पर्व के अवसर पर छठ व्रतियों ने सोमवार को भगवान भाष्कर को अ‌र्घ्य दिया। छठ को लेकर परिवार के बच्चों में सर्वाधिक उत्साह दिखा। चकिया : कोरोना वायरस को ले लागू लॉकडाउन के बीच सोमवार छठव्रतियों ने आस्था के महापर्व छठ का प्रथम अ‌र्ध्य दिया। लॉक डाउन का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने अपने घर के छत पर या अपने दरवाजे पर पोखर बनाकर अस्तगामी भगवान भास्कर को अ‌र्ध्य दिया। इस पर्व को हर वर्ष स्थानीय बाराघाट स्थित बूढ़ी गंडक नदी के किनारे श्रद्धालु पर्व मनाते थे। चैती छठ पर्व कार्तिक मास के पर्व से भी कठिन होता है क्योंकि कार्तिक मास में ठंढा मौसम होता है लेकिन चैत मास गर्म होने के चलते व्रती को थोड़ी कठिनाई महसूस होती है। लेकिन व्रती इन सभी परेशानियों को उठाते हुए भी छठी मईया की पूजा बड़े श्रद्धा पूर्वक करती है।

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