नए साल के लिए सज-धज कर तैयार चांटी माई स्थान
मोतिहारी। बंजरिया, जी हां ! अगर आप नए साल का लुत्फ मेले के साथ उठाना चाहते हैं तो आ जाइएं चांटी माई स्थान।
मोतिहारी। बंजरिया, जी हां ! अगर आप नए साल का लुत्फ मेले के साथ उठाना चाहते हैं तो आ जाइएं चांटी माई स्थान। यहां पर बीते साल की समाप्ति एवं नए साल के स्वागत में 48 घंटे के अष्टयाम का आयोजन किया जाता है। रात में भक्तों के मनोरंजन के लिए साधु-संतों का प्रवचन भी होता है। इतना ही नहीं मेले में मनोरंजन के भरपूर साधन झूला, ¨हडोला, मौत का कुंआ, जादू आदि की व्यवस्था की गई है। इस मेले की सबसे खास बात यह है कि इसका कोई एक आदमी मालिक नहीं है। यह सभी भक्तजनों के सहयोग से होता है। ग्रामीणों के सहयोग से होता है भंडारे का आयोजन मेले में दो दिनों तक भंडारा चलता रहता है। चांटी माई की कृपा से भंडारे के लिए भी किसी को कुछ कहना नहीं पड़ता है। भक्त जन अपनी स्वेच्छा से सामान की आपूर्ति करते रहते हैं। मां की असीम कृपा के कारण किसी चीज की कभी कमी नहीं होती है।
सीसी कैमरे से होगी निगरानी चांटी माई स्थान पर आयोजित होने वाले मेले की सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। जगह-जगह पर पुलिस बल के जवान तैनात रहेंगे। उक्त जानकारी देते हुए थानाध्यक्ष सुधीर कुमार ने बताया कि सुरक्षा में किसी प्रकार की कोताही न हो इसके लिए सीसी कैमरे भी लगाए गए हैं। मेले के सभी प्रवेश द्वारों पर बैरिके¨डग की गई है।चारपहिया व दोपहिया वाहनों के अंदर प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। प्रवेश द्वार के बाहर गाड़ियां के पार्किंग की व्यवस्था की गई है। महिला श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो इसके लिए अतिरिक्त महिला पुलिस बल की व्यवस्था की गई है जो कि सादे लिबास में भी रहेंगे। बता दें कि पुराने साल की समाप्ति एवं नए साल के स्वागत के उपलक्ष्य में चांटी माई स्थान पर 31 दिसंबर से लेकर 2 जनवरी तक मेले का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही 48 घंटे का अखंड अष्टयाम व भंडारे का आयोजन किया जाता है। कैसे पहुंचे चांटी माई स्थान अगर आप ट्रेन से आते हैं तो बापूधाम मोतिहारी स्टेशन उतर कर उत्तर दिशा की ओर लक्ष्मण चौक रिक्श या ऑटो से जाएंगे। फिर वहां से पश्चिम दिशा की ओर आधा किलोमीटर की दूरी पर तथा अगर बस से आते हैं तो सिघिया गुमटी उतर कर केटी कॉलेज के बगल से पीसीसी पकड़ कर माता के दरबार में पहुंचा जा सकता है। दोनों तरफ से समान दूरी पर अवस्थित है माता का दरबार।