जाति नहीं चरित्र का नाम है क्षत्रिय
मोतिहारी । क्षत्रिय एकीकरण समिति के राष्ट्रीय समन्वयक राणा ¨सह ने कहा कि भारत विश्व का अकेला देश है
मोतिहारी । क्षत्रिय एकीकरण समिति के राष्ट्रीय समन्वयक राणा ¨सह ने कहा कि भारत विश्व का अकेला देश है जहां जाति के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था है। आज यह तुष्टीकरण एवं वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा बन गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हम आरक्षण का विरोध नहीं करते, मगर यह सुविधा गरीबों को मिलनी चाहिए चाहे वे किसी जाति के हों। वे गुरुवार को जिला अतिथि गृह में आयोजित प्रेसवार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास गौरवपूर्ण एवं राष्ट्रहित से जुड़ा है। हम आज भी किसी जाति विशेष की नहीं, बल्कि देश हित की बात करते हैं। क्षत्रिय किसी जाति का नहीं बल्कि चरित्र का नाम है, जो समाज के हित में काम करता है। कहा- हम सरकार से आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग करते हैं। इसके लिए हम देश स्तर पर अभियान चलाएंगे। भारत की जनता वोट बैंक की इस राजनीति को अब समझ गई है। आगामी 21 सितंबर को दिल्ली में संसद का गठन कर हम अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे। वहीं, सांगठनिक मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अब अलग-अलग नाम से क्षत्रियों का संगठन नहीं जाना जाएगा। सबका एकीकरण किया जा रहा है। विगत 28 अगस्त को पटना में प्रदेश के कुल 21 संगठनों का विलय हो चुका है। यह अभियान देश स्तर पर चलेगा। वहीं, 22 से 27 नवंबर तक कंबोडिया में आयोजित होने वाले सम्मेलन में विभिन्न देशों में रह रहे क्षत्रिय एकत्र होंगे। वहीं, एकीकरण समिति के विनय कुमार ¨सह उर्फ बिहारी भैया ने आजम खां के विवादित बयान की चर्चा करते हुए उसकी कड़ी ¨नदा की। कहा- अमर ¨सह को निशाना बनाना उनके लिए हितकर नहीं है। हमारा समाज ईट से ईंट बजा देगा। उन्होंने कहा कि हम किसी जाति समुदाय की बात नहीं करते, किसी के साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ हम खड़े रहेंगे। मौके पर अमरेंद्र कुमार ¨सह, डॉ. राकेश कुमार ¨सह, अधिवक्ता रवि ¨सह आदि उपस्थित थे।