पाक सीमा पर फायरिंग में शहीद हुआ रक्सौल का सपूत, शोक की लहर
सीमा से लगते आरएस पुरा सेक्टर में पाक रैंजर्स की फायरिंग में पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल का बीएसएफ जवान जीतेंद्र शहीद हो गए हैं। इससे उनके गांव में शोक का माहौल हो गया है।
पटना [जेएनएन ]। जम्मू-कश्मीर से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से हुई फायरिंग में गुरुवार को बिहार का एक बीएसएफ का जवान शहीद हो गया। सीजफायर के उल्लंघन और आरएस पुरा सेक्टर के अदलियां में सीमा पार से फायरिंग हुई जिसमें पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल का बीएसएफ जवान जीतेंद्र कुमार शहीद हो गए।
जानकारी के अनुसार चंपारण का यह लाल जम्मू कश्मीर के आरएसपुरा सेक्टर में सीमा सुरक्षा बल में बतौर हेड कांस्टेबल तैनात था। ड्यूटी के दौरान अचानक पाकिस्तान की ओर से फायरिंग शुरू हो गई। इसी क्रम में दुश्मन की गोली उन्हें लगी और उन्होंने देश की खातिर अंतिम सांस ली। दीपावली से तीन दिन पहले जितेन्द्र के शहादत की सूचना मिलने के साथ इलाके में कोहराम मचा है। हीं परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
छत्तीसगढ़ से गए थे जम्मू-कश्मीर
परिजनों के अनुसार जितेन्द्र के मन में बचपन से ही देश सेवा का भाव रचा-बसा था। वे पांच भाई बहनों में सबसे छोटे थे। वर्ष 1993 में देश सेवा का उनका सपना साकार हुआ और वे बीएसएफ में बतौर जवान बहाल हो गए। अपने शौर्य और कार्य के बूते वे अपनी बटालियन में काफी लोकप्रिय थे। उन्हें तरक्की मिली थी और वे हेड कांस्टेबल के पद पर कार्य कर रहे थे। अब से दो साल पहले उनकी पदस्थापना छत्तीसगढ़ से जम्मू कश्मीर में हुई थी।
कहा था पिता से- सेना में करेंगे नौकरी, दूसरा काेई काम नहीं
परिवार के लोगों के अनुसार जितेन्द्र में देश सेवा का जज्बा ऐसा भरा था कि गांव में पढ़ाई करने के बाद भी उन्हें देश की चिंता रहती थी। जब वे आठवीं कक्षा में थे तभी अपने पिता लक्ष्मी सिंह (अब स्वर्गीय) से कहा था- मेरी पढ़ाई पूरी होने के बाद मुझे सेना की नौकरी कराइए। मैं सेना की ही नौकरी करूंगा। दूसरा कोई काम मुझसे नहीं होगा।
बता दें कि जितेन्द्र की प्रारंभिक शिक्षा पैतृक गांव सिसवा से ही हुई थी। 6 से 8 वीं कक्षा तक की पढ़ाई भेलाही से पूरी की। 1987 में मैट्रिक की परीक्षा रक्सौल स्थित हजारीमल उच्च विद्यालय से पूरी की। फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। देश की सेवा में लगे और गुरुवार को देश के लिए अंतिम सांस ली।
पत्नी व बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल
जितेन्द्र अब इस दुनिया में नहीं रहे। जैसे ही यह सूचना उनके गांव पहुंची परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। बूढ़ी मां पार्वती देवी व पत्नी विमला देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। 10 वर्षीय पुत्र रोहित, 16 वर्षीया पुत्री अर्चना उर्फ गुडिया व 13 वर्षीय प्रीति कुमारी हर एक को उम्मीद भरी निगाह से देख रही हैं। उन्हें उम्मीद है कि कहीं से कोई अच्छी सूचना आ जाए।
राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार : डीएम
जिलाधिकारी अनुपम कुमार ने बताया कि चंपारण के लाल के शहादत की सूचना मिली है। उनकी अंतिम विदाई पूरे राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी। मैं व एसपी जितेन्द्र राणा स्वयं वहां उपस्थित रहेंगे। तत्काल वहां एसडीओ श्रीप्रकाश, डीएसपी राकेश कुमार, बीडीओ अमित कुमार, सीओ हेमेन्द्र कुमार मौजे स्थित उनके आवास पर हैं। वे परिजनों की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। शुक्रवार को शहीद का पार्थिव शरीर गांव आने की संभावना है।
लगातार जारी है सीजफायर की घटनाएं
बताया गया है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की ओर से गुरुवार तक कम से कम 41 बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ है। जहां जीतेंद्र तैनात थे उस इलाके में पाकिस्तानी रेंजर्स मंगलवार से रुक-रुक कर फायरिंग कर रहे है। वे नौशेरा, आरएस पुरा और अरनिया जैसे सेक्टर को निशाना बना रहे हैं। यहां बीएसएफ तैनात है।्इसी हफ्ते सोमवार को सीमापार से फायरिंग में एक जवान शहीद हो गया था। एक बच्चे की भी मौत हो गई थी।