बापूधाम मोतिहारी स्टेशन का शौचालय बंद
मोतिहारी। इस स्टेशन (बापूधाम मोतिहारी) से महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन की कहानी जुड़ी है। यहां हर तरफ बापू के संदेश लोगों की जागरूकता के लिए लगाए गए हैं।
मोतिहारी। इस स्टेशन (बापूधाम मोतिहारी) से महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन की कहानी जुड़ी है। यहां हर तरफ बापू के संदेश लोगों की जागरूकता के लिए लगाए गए हैं। लेकिन, ए ग्रेड का दर्जा प्राप्त कर चुके स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का टोटा है। यहां की स्वच्छता को लेकर बड़े स्तर पर काम हुए। प्रचार प्रसार किया गया। लेकिन, इन दिनों यहां की सुरक्षा व्यवस्था बेपटरी है। वहीं मंगलवार को बापूधाम मोतिहारी स्टेशन पर वाणिज्य अधीक्षक के कार्यालय के बाहर ही गंदगी का पहरा था। यहां से निकले तो बाहरी परिसर में जगह-जगह जमा गंदगी व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रही थी। यहां इस गंदगी से तो यात्री परेशान हैं। इसके अतिरिक्त स्टेशन के सर्कुलेटिग एरिया में रखी गई निर्माण सामग्री से पैदा हो रही गंदगी भी यात्री मन को परेशान करती है। दरअसल, विकास कार्य के लिए परिसर में जमा ईंट व बालू बेतरतीब तरीके से रखे गए हैं। नतीजतन हल्की सी हवा में लोग बालू के कणों के उड़ने से परेशान रहते हैं। सुगौली जाने के लिए स्टेशन पर जमा राकेश कुमार, संजय सिंह व बेतिया के यात्री रमेश कुमार ने कहा- देखिए, हवा में रैपर उड़ रहा है। स्टेशन के विश्रामालय की भी स्थिति अच्छी नहीं। और तो छोड़ दीजिए स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक का वाटर बूथ भी खराब पड़ा है। ऐसे में सस्ता पानी का सपना साकार नहीं हो रहा है।
पूछताछ काउंटर की हालत पतली
स्टेशन का पूछताछ केंद्र पर निजी संस्था के कर्मी बैठते हैं। मंगलवार को दिन में तो यहां यात्रियों को जानकारी देने के लिए कर्मी बैठे थे। लेकिन, यात्रियों ने एक स्वर में कहा- देर रात और सुबह में पूछताछ केंद्र सक्रिय नहीं रहता है। रेलवे के द्वारा जारी नंबर पर सुबह मिथिला एक्सप्रेस के आने की जानकारी के लिए फोन करने पर कोई जवाब नहीं मिलता। इससे परेशानी होती है।
गंदा यूरिनल और बंद शौचालय ने किया बेड़ा गर्क
प्लेटफार्म नंबर- दो पर यात्री सुविधाओं में भारी कमी देखी गई। यहां पुरुष यात्रियों के लिए यूरिनल तो हैं, लेकिन स्थिति खराब है। यात्री बताते हैं- कि इस प्लेटफार्म पर तो किसी का ध्यान नहीं है। देखने से ऐसा लगता है कि कई दिनों से सफाई ही नहीं हुई है। यहां आना ही परेशानी का कारण है। लोगों की सुविधा के लिए यहां बने दो शौचालय पूरी तरह बंद मिले। पुलिस बैरक के बगल में बने डीलक्स शौचालय में भी ताला लटक रहा था। बताया गया कि इसका रेट इतना अधिक है कि कोई संवेदक इसका टेंडर नहीं ले रहा है।
बयान
पूछताछ काउंटर पर 24 घंटे कर्मियों की तैनाती रहती है। ये कर्मी रात और सुबह में पूछताछ के लिए लगाए गए टेलीफोन को नहीं ले पा रहे हैं तो इसकी सीआइटी जांच कराई जाएगी। मामला सही पाए जाने पर कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सफाई व्यवस्था में जहां भी गड़बड़ी है, उसे ठीक किया जाएगा।
हरिकिशोर भक्त
मुख्य वाणिज्य निरीक्षक, मुजफ्फरपुर उत्तरी।