2013 से बंद पड़ा आंगनबाड़ी केंद्र,सीडीपीओ को पता नहीं
मोतिहारी। तुहू लूटअ हमहू लूटी लुटे के आजादी बा यह कहावत इन दिनों अरेराज प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों
मोतिहारी। तुहू लूटअ हमहू लूटी लुटे के आजादी बा यह कहावत इन दिनों अरेराज प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों पर चरितार्थ हो रही है। केंद्र और राज्य सरकार बच्चों के स्वास्थ्य और शुरूआती शिक्षा को मजबूत करने के लिए अरबों रुपए खर्च कर रही है। बच्चों के स्वास्थ्य व शिक्षा को मजबूत करने के लिए हर वार्ड में आंगनबाड़ी केंद्र शुरू किया गया, लेकिन स्थिति यह है कि कई जगह आंगनबाड़ी केंद्र केवल कागज पर ही चलते हैं। अरेराज प्रखंड के बभनौली पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 10 में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 73 इसका जीता जागता उदाहरण है। यह केंद्र वर्ष 2013 से ही बंद है। जिसके चलते यहां के बच्चे पोषाहार और पठन-पाठन से वंचित हैं। इस बीच नियमित रूप से केंद्र के नाम से पोषाहार के उठाव के साथ सेविका पूनम देवी व सहायिका शोभा देवी के मानदेय का नियमित भुगतान विभाग द्वारा होता आ रहा है। स्थिति यह है कि कई पदाधिकारी आए और गए लेकिन उन्हें इस केंद्र के बंद होने का पता तक नहीं है। हद तो यह है कि प्रभारी सीडीपीओ से बात करने पर उन्होंने दैनिक जागरण के संवाददाता से कहा कि आप ग्रामीणों से आवेदन दिलवाइए ताकि मामला मेरे संज्ञान में रहे। बताते चलें कि इस वार्ड में लगभग एक हजार से अधिक दलित, पिछड़ा व अति पिछड़ा जाति के लोग रहते हैं। अगर इस प्रकार की गड़बड़ी हर जगह होती रही तो सरकार द्वारा दलितों के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उन तक नहीं पहुंच सकेगा। ग्रामीण व पूर्व वार्ड सदस्य राजेश पासवान, शर्मा यादव, मुन्ना पासवान, बृजकिशोर पासवान आदि का कहना है कि यह केंद्र वर्ष 2013 से ही बंद है। कई बार विभाग को इसकी सूचना दी गई, लेकिन इस पर विभाग द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब हम गरीब किसके पास शिकायत लेकर जाएं। कोई सुनने वाला नहीं है। पूर्व मुखिया अमित उपाध्याय का कहना है कि मेरे कार्यकाल में यह केंद्र चलता था, लेकिन विभागीय मिलीभगत के चलते केंद्र को बंद कर राशि का बंदरबांट किया जा रहा है। वही राजद के जिला महासचिव अभिषेक कुमार उर्फ हैप्पी श्रीवास्तव ने कहा कि अगर विभाग इस पर कारवाई नहीं करती है तो जिलाधिकारी को कार्रवाई के लिए आवेदन दिया जाएगा।