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31 हजार प्रवासियों को मिला जॉब कार्ड

मोतिहारी। देश के विभिन्न हिस्सों से कोरोना संक्रमण को लेकर घर आए प्रवासी मजदूरों के लिए

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 07:15 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 06:18 AM (IST)
31 हजार प्रवासियों को मिला जॉब कार्ड
31 हजार प्रवासियों को मिला जॉब कार्ड

मोतिहारी। देश के विभिन्न हिस्सों से कोरोना संक्रमण को लेकर घर आए प्रवासी मजदूरों के लिए मनरेगा की पहल सबसे अधिक कारगार साबित हुई है। अब तक सरकारी आंकड़ों के अनुसार 31 हजार मजदूरों को जॉबकार्ड देकर उन्हें काम की गारंटी दी गई है। हालांकि इसमें काफी संख्या में जॉबकार्ड की मांग नहीं की, जिसके कारण उनको दूसरे प्रकार के रोजगार से जोड़ने की सरकारी स्तर पर कवायद की जा रही है। सरकारी स्तर पर फिलहाल बाहर से आने वालों को क्वारंटाइन सेंटर पर नहीं रखा जा रहा है। अब उन्हें होम क्वरांटाइन करने का निर्देश दिया गया है। इस स्थिति में क्वरांटाइन सेंटर की संख्या प्रतिदिन कम हो रही है। अब जिले में कुल 214 क्वरांटाइन सेंअर ही संचालित है। यहां अभी दस हजार 826 लोग आवासीत हैं। बताया गया कि सरकारी स्तर पर प्रखंड व पंचायतों में बने क्वरांटाइन सेंटर पर बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों में 95248 लोगों का निबंधन किया गया है। इसके करीब 85 हजार लोग क्वरांटाइन अवधि को पूरा करने के बाद घर वापस हो चुके हैं। सरकारी स्तर पर उनके कौशल के बारे में भी जानकारी एकत्र की गई है। जिला प्रशासन का मानना है कि इससे उनको बाद के दिनों में काम देने में आसानी होगी। नियमित योगाभ्यास से इम्युनिटी बढ़ाने का किया गया प्रयास जिले के सभी क्वारंटाइन सेंटरों पर नियमित रूप से योगाभ्यास का कार्यक्रम का संचालन किया गया। सबसे बड़ी बात यह कि क्वारांटाइन सेंटर पर लोगों ने इस गंभीरता को समझते हुए नियमित योग किया। यहीं कारण है कि कोरोना संक्रमण के मामले यहां कम मिले। इसके अलावा क्वरांटाइन सेंटर की व्यवस्था व आने वाले लोगों का सहयोग भी संक्रमण के फैलाव को रोकने में सहायक हुआ। बता दें कि अब तक जिले में अधिकतर मरीज वहीं मिले हैं जिनका ट्रैवल हिस्ट्री है। बाहर से आकर वे क्वरांटाइन सेंटर में रह रहे थे। प्रशासनिक स्तर पर इसे एक उपलब्धि मानी जा रही है कि आने वाले लोगों को तय समय सीमा तक क्वारांटाइन सेंटर पर रोका गया। परियोजना पाठशाला के माध्यम से रोजगार से जोड़ने का हुआ प्रयास जिले में संचालित सभी क्वारंटाइन सेंटरों पर जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने परियोजना पाठशाला के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ने का अभियान चलाया गया। यह अभियान काफी हद तक कारगर साबित हुआ। कई प्रकार की योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें बताया गया कि यहां उनके लिए हर प्रकार के रोजगार की संभावनाएं हैं। इसके अलावा छोटे-छोटे व्यापार व उद्योग को स्थापित करने के लिए प्रेरित किया गया। जीविका द्वारा भी इनको रोजगार से जोड़ने के लिए प्रयास किया जा रहा है। वर्जन : क्वारंटाइन सेंटर से जाने वाले प्रवासी मजदूरों को जॉब कार्ड देने के अलावा अन्य योजनाओं में कार्य दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। शीर्षत कपिल अशोक, जिलाधिकारी, पूर्वी चंपारण

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