असम में रहने वाले जिले के 1674 परिवारों की नागरिकता पर संकट
मोतिहारी । रोजी-रोटी की तलाश में वर्षों पूर्व असम में बसने वाले जिले के 1674 परिवारों की नागरिकता पर
मोतिहारी । रोजी-रोटी की तलाश में वर्षों पूर्व असम में बसने वाले जिले के 1674 परिवारों की नागरिकता पर संकट आ गया है। असम सरकार ने कई महीने पहले बिहार सरकार को इन लोगों की नागरिकता प्रमाणित कर भेजने का आग्रह किया था। कहा गया था कि उन सभी के नाम असम में तैयार हो रही राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में दर्ज किया जाना है। महीनों पूर्व भेजी गई सूची की जांच करने का काम अभी भी अधूरा है। असम में नाम को दर्ज कराने के लिए दूसरी सूची जारी होने वाली है, पर जिले से इनकी नागरिकता को प्रमाणित कर नहीं भेजने की स्थिति में वहां के लोगों की नागरिकता पर संकट बरकरार है। हालांकि विभागीय स्तर पर जांच की कार्रवाई को अंतिम चरण में बताया गया है। बताया गया है कि 88 आवेदकों की जांच की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, जबकि 900 आवेदकों की जांच की जा रही है। शेष दूसरे जिले से संबद्ध होने के कारण लंबित रखा गया है। बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर असम सरकार मार्च 1971 के बाद असम में आकर
बसे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तैयार कर रही है। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से वहां जाकर रह रहे लोगों की नागरिकता प्रमाणित करने के लिए संबंधित राज्यों को सूची भेजी है। बताया जाता है कि असम से आई बिहारी लोगों की सूची को जमीन जायदाद के दस्तावेजों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर सरकार ने यह जिम्मेदारी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को दी है।
आवेदनों की जांच की अद्यतन स्थिति एक नजर में
प्राप्त कुल आवेदन : 1674
अस्पष्ट, अपठनीय व दूसरे जिले से संबंधित दस्तावेज : 686
जांच के बाद राजस्व विभाग को भेजे गए दस्तावेज : 88
जांच की प्रक्रिया में आवेदन : 900