बांसुरी व तबला की जुगलबंदी पर झूम उठे श्रोता
ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय बांसुरी वादक पंडित राजेंद्र प्रसन्ना एवं तबला वादक पृथ्वीराज मिश्रा ने शुक्रवार को अपने संगीत की धुन से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
दरभंगा । ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय बांसुरी वादक पंडित राजेंद्र प्रसन्ना एवं तबला वादक पृथ्वीराज मिश्रा ने शुक्रवार को अपने संगीत की धुन से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कृष्णा विहार वासुदेवपुर स्थित दरभंगा सेंट्रल स्कूल में स्पीक मैके के तत्वावधान में आयोजित संगीत समारोह में दोनों कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से रंग जमा दिया। प्राचार्य एके कश्यप ने दोनों संगीतज्ञों का स्वागत करते हुए कहा कि संगीत मनुष्य की चेतना को प्रखर बनाती है। यह आत्मा से निकला हुआ ऐसा सुर होता है जो किसी भी प्राणी को अपनी और खींच लेता है। कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण के बांसुरी वादन से पूरा ब्रज मंडल रस से सराबोर हो उठता था। ठीक उसी प्रकार से पंडित राजेंद्र प्रसन्ना एवं पृथ्वीराज मिश्रा की जुगलबंदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि हासिल की है। स्कूल के प्रबंध न्यासी डॉ. कुमार अरुणोदय ने कहा कि स्पीक मैके भारतीय सभ्यता और संस्कृति को जीवंत रखने का सशक्त माध्यम है। संगीत संजीवनी शक्ति के जैसा होता है। कार्यक्रम में मुरली वादक राजेंद्र प्रसन्ना एवं तबला वादक पृथ्वीराज मिश्रा ने अपने धुन (धा धिन एवं सा रे ग म प ध नी) के सुरों से दर्शकों को झुमने पर मजबूर कर दिया। सारे जहां से अच्छा, हमको मन की शक्ति देना, राम सिया राम सिया राम सिया राम, वैष्णव जन तो तेने कहिए समेत कई धुनों पर बांसुरी वादन ने लोगों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में लनामिविवि के पूर्व संगीत व नाट्य विभागाध्यक्ष डॉ. पुष्पम नारायण, प्रो. विनोद विनीत, डॉ. उजमा निखत समेत कई शिक्षक, गणमान्य व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन छात्र आयुष्मान कश्यप ने किया।