संस्कृत विवि में योग पर शुरू होगा सर्टिफिकेट कोर्स
प्रमंडलीय आयुक्त आरके खंडेलवाल ने कहा कि योग से स्वस्थ भारत का निर्माण हो सकता है।
दरभंगा। प्रमंडलीय आयुक्त आरके खंडेलवाल ने कहा कि योग से स्वस्थ भारत का निर्माण हो सकता है। शारीरिक व मानसिक एकग्रता के लिए योग आवश्यक है। वे मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर का¨सदसंविवि में योग विषय पर आयोजित परिचर्चा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति को योग को अपने जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाना चाहिए। का¨सदसंविवि के कुलपति डॉ. देव नारायण झा ने कहा कि वैदिक काल से ही योग का विशेष महत्व रहा है। किन्तु भौतिकवादी संस्कृति के कारण मनुष्य योग के प्रति उदासीन हो गए थे। 19वीं सदी में लोगों ने योग की अनिवार्यता को महसूस करना शुरू कर दिया। इसको देखते हुए इस क्षेत्र में अध्ययन अध्यापन व शिक्षकों की नियुक्ति की आवश्यकता महसूस की जा रही है। उन्होंने संस्कृत विवि में योग विषकय सर्टिफिकेट कोर्स शीघ्र चलाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है। वेद, उपनिषद, पुराण, ब्राह्मण, आरण्यक आदि संस्कृत ग्रंथों में योग का उल्लेख है।
का¨सदसंविवि के पूर्व कुलपति डॉ. उपेंद्र झा ने कहा कि महर्षि पतंजलि के योग को भूलकर मनुष्य ने जीवन को जीना प्रारंभ किया। जिससे अनेक प्रकार के विकार से मानव ग्रसित होने लगा है। भगवान भास्कर ने भी योग की महत्ता को स्वीकार किया है। लनामिविवि के प्रति कुलपति सैयद मुमताजुद्दीन ने कहा कि योग करने वाले व कराने वाले प्रशंसा के पात्र हैं। मनुष्य को प्रति दिन आधे से एक घंटा तक अनिवार्य रूप से योग करना चाहिए। इससे अनेक बीमारियों से छुटकारा मिल सकती है। का¨सदसंविवि के कुलसचिव प्रो सुरेश्वर झा ने कहा कि योग के माध्यम से मनुष्य शारीरिक, मानसिक, नैतिक व आध्यात्मिक रूप से उन्नत होता है।
कार्यक्रम के प्रथम चरण में उपस्थित लोगों ने योगाभ्यास किया। शशिरंजन, चंद्र मोहन झा व पवन कुमार ¨सह ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिलाया। रासेयो के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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77.42 मिनट तक किया शीर्षासन
इस मौके पर योग प्रशिक्षक पवन कुमार ¨सह ने 77.12 मिनट तक शीर्षासन किया। उन्होंने कहा कि वे दरभंगा में योग पीठ की स्थापना करना चाहते हैं ताकि मानव का कल्याण संभव हो सके।
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