पर्यावरण को बचाने के लिए प्लास्टिक के उपयोग से हमें करना होगा परहेज
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के छात्रों में स्व-विकास को लेकर कुलपति प्रो. एसके सिंह के निर्देशन में छात्रों के बीच चल रहे संवाद कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया।
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के छात्रों में स्व-विकास को लेकर कुलपति प्रो. एसके सिंह के निर्देशन में छात्रों के बीच चल रहे संवाद कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया। इस दौरान कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर स्वच्छता पखवाड़ा से संबंधित पर्यावरण विषय पर छात्रों के साथ परिचर्चा की। कुलसचिव ने छात्रों को इस विषय पर एक-एक मिनट में अंग्रेजी या हिदी में अपने विचार रखने को कहा। परिसर की साफ-सफाई व इसे स्वच्छ बनाए रखने के विभिन्न उपायों पर अपने विचार व्यक्त किए। कुलसचिव कर्नल राय ने छात्रों को अंग्रेजी में बोलने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि ज्ञान बढ़ाने के लिए सभी प्रकार की भाषाओं को जानना अनिवार्य है। खासतौर पर छात्रों को अंग्रेजी का अभ्यास तो होना ही चाहिए। कहा कि आमतौर पर देखा जाता है कि जब अंग्रेजी बोलने की कोशिश हम करते हैं, तो मन में अक्सर संकोच की भावना उत्पन्न होने लगती है और यही भावना हमारे बोलने की कला को दबा देता है। पढ़ाई से लेकर किसी भी भाषा का ज्ञान तब तक आप नहीं सीख अथवा बोल सकते, जब तक की आपके अंदर निर्भीक होकर बोलने की कला नहीं आए। एक घंटे के संवाद में कुलसचिव ने दूसरे विषय हम अपने शहर को किस प्रकार साफ रख सकते है को छात्रों के बीच रखा। छात्रों ने सवर्प्रथम पर्यावरण बचाने के विभिन्न प्रकार के उपायों की विवेचना की। छात्रों ने बताया कि सवर्प्रथम पर्यावरण के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है की हमें प्लास्टिक से बने थैलों का त्याग करना चाहिए एवं बिना प्लास्टिक वाले थैले का उपयोग करना चाहिए। हमें पर्यावरण बचाने के लिए विद्यालय से लेकर महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय तक छात्र-छात्राओं को जागरूक करना चाहिए। छात्रों ने कहा कि पर्यावरण बचाने के लिए हमें हर वो कदम उठाना चाहिए जिससे हम और हमारा वायुमंडल स्वच्छ हो। बाजार से मिलने वाले पॉली बैग का त्यागकर पर्यावरण बचाने के लिए एक अच्छी पहल हो सकती है। छात्रों ने मूलरूप से प्लास्टिक को त्याग करने के कई उपायों की विवेचना की। कार्यक्रम के अंत मे कुलसचिव ने छात्रों से बिना किसी संकोच के अपने विचार स्पष्ट रखने के गुण को भी बताया। छात्रों से कहा कि आप अपने विषय में पारंगत तो हो सकते हैं, क्योंकि वो विषय आपके वर्ग से जुड़े हुए हैं, लेकिन परंतु जीवन शैली को एक नया आयाम देने के लिए पढ़ाई से हटकर वो सभी क्रियाएं आपको सीखनी होगी जिससे आपकी तुलना युगपुरुषों से की जा सके। संवाद कार्यक्रम में प्रथम आई बीएड नियमित की छात्रा मनीषा प्रिया को ट्रॉफी दी गई। द्वितीय स्थान पर रहने वाले बीएड नियमित के छात्र प्रह्लाद कुमार सिन्हा को नकद राशि से पुरस्कृत किया गया।