सनातन धर्म में समभाव और संस्कार अपूर्व गुण
सनातन धर्म में समभाव और संस्कार का अपूर्व गुण है। इस धर्म का सही से मर्म नहीं समझने वाले ही भटकी हुई बातें बोल जाते हैं।
दरभंगा । सनातन धर्म में समभाव और संस्कार का अपूर्व गुण है। इस धर्म का सही से मर्म नहीं समझने वाले ही भटकी हुई बातें बोल जाते हैं। कार्तिक मास पुण्य संचय करने के लिए सर्वोत्तम महीना है। इसलिए सभी को संयमित रहकर भगवत नाम का सहारा लेना चाहिए। बथई घाट स्थित वृंदावन धाम में आयोजित सत्संग गोष्ठी में जगतगुरु निम्बार्काचार्य श्रीश्री 108 राधे श्याम शरण दासजी महाराज ने उक्त बातें कही। जगतगुरु निम्बार्काचार्य के पावन सान्निघ्य में आयोजित कार्तिक मास मेला में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है। इसमें अखंड नाम संकीर्तन के साथ ही संध्या में श्रीमछ्वागवत की कथा भी प्रति दिन चल रही है। कमला नदी में प्रसात: स्नान के बाद श्रद्धालु भक्तगण नित्य मंदिर में स्थापित दिव्य राधा-कृष्ण के आलौकिक मनमोहक स्वरूप का दर्शन कर आनंदित हो रहे हैं। इससे बथई सहित कई गांव के भक्तगण लाभ ले रहे हैं। दिन व दिन भक्तों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है।