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मनचाहे लोगों को टेंडर बांट रहे विवि के अधिकारी

श्यामा मंदिर में हर साल होने वाले नवाह यज्ञ के दौरान मंदिर परिसर के बाहर विश्वविद्यालय कैंपस में लगने वाली दुकानों के लिए ओपन टेंडर की मांग करते हुए मिथिला स्टूडेंट यूनियन के सदस्यों ने विवि के भू-संपदा पदाधिकारी डॉ. विजय यादव का घेराव किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 12:37 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 06:26 AM (IST)
मनचाहे लोगों को टेंडर बांट रहे विवि के अधिकारी
मनचाहे लोगों को टेंडर बांट रहे विवि के अधिकारी

दरभंगा । श्यामा मंदिर में हर साल होने वाले नवाह यज्ञ के दौरान मंदिर परिसर के बाहर विश्वविद्यालय कैंपस में लगने वाली दुकानों के लिए ओपन टेंडर की मांग करते हुए मिथिला स्टूडेंट यूनियन के सदस्यों ने विवि के भू-संपदा पदाधिकारी डॉ. विजय यादव का घेराव किया। यूनियन के सदस्यों का आरोप है कि विवि प्रशासन गुपचुप तरीके से मनचाहे लोगों को टेंडर बांट रहा है, जो नियमानुकूल नहीं है। यूनियन के विश्वविद्यालय अध्यक्ष अमन सक्सेना ने कहा कि मां श्यामा मंदिर में प्रत्येक वर्ष नवाह यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इसमें परिसर के बाहर लगने वाले दुकानों के लिए प्रत्येक वर्ष टेंडर निकाला जाता है। पिछले दो सालों से टेंडर होने के बाद यह विवादों में रहा है। पिछले वर्ष भी टेंडर किसी खास व्यक्ति को दिया गया, जिसके बाद संगठन ने आंदोलन किया था। इस बार भी टेंडर की प्रक्रिया विवादित है। कहा कि वर्ष 2019 के नवाह यज्ञ के लिए जो टेंडर निकाला गया, वह बिना किसी सूचना और विज्ञप्ति के जारी किया गया। नवाह से 15-20 दिन पहले होने वाले टेंडर को इस वर्ष तीन माह पूर्व किसी खास व्यक्ति को दे दिया गया। भू-संपदा पदाधिकारी से जब दो दिन पूर्व इस बाबत बात की गई तो उन्होंने कहा कि तीन माह पूर्व टेंडर लेने को लेकर विश्वविद्यालय को एक मात्र आवेदन प्राप्त हुआ था। आवेदन के आधार पर टेंडर उक्त व्यक्ति को दे दिया गया। कहा कि टेंडर की प्रक्रिया इतने गुपचुप तरीके से की गई कि पिछले साल टेंडर लेने वाले को भी इसकी भनक नहीं लगी और किसी पप्पू यादव नाम के व्यक्ति को टेंडर दे दिया गया। संगठन मंत्री अभिषेक कुमार झा व संतोष सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष टेंडर के लिए सात लोगो ने आवेदन किया था, जिसमें ऊंची बोली लगाने वाले को टेंडर जारी किया गया। तो आखिर इस बार ऐसी क्या बात हो गई की विश्वविद्यालय को तीन माह पूर्व ही टेंडर जारी करना पड़ा और सिर्फ एक आवेदन प्राप्त होता है। उसी आवेदन के आधार पर टेंडर दे भी दिया जाता है। संतोष सिंह ने कहा कि यह पूरा खेल एक सिडिकेट सदस्य के ईशारे पर अपने मनचाहे लोगों को टेंडर दिलाने के लिए किया गया। प्रवक्ता जय प्रकाश झा ने कहा कि सभी जगह एक सामान नियम होता है। सिगल आवेदन पर टेंडर रद किया जाता है, लेकिन विवि प्रशासन किसी खास व्यक्ति के आगे झु़का हुआ है। यूनियन के सदस्यों ने अविलंब टेंडर को रद करने की मांग करते हुए कहा कि ओपन टेंडर निकाला जाए और ऊंची बोली लगाने वाले व्यक्ति को ही टेंडर दिया जाए। सुमित माऊबेहटिया ने कहा कि दो दिन पूर्व भी इस बाबत आंदोलन किया गया था, जिसका कोई नतीजा नहीं निकलने पर भू-संपदा पदाधिकारी का घेराव किया गया है। यूनियन के सदस्यों ने बताया कि भू-संपदा पदाधिकारी ने गलती स्वीकार करते हुए आश्वस्त किया है कि 25 अक्टूबर तक इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद यूनियन के कार्यकर्ता यह चेतावनी देते हुए वहां से गए कि यदि टेंडर को रद नहीं किया जाता तो भू-संपदा पदाधिकारी की बर्खास्तगी के लिए उग्र आंदोलन किया जाएगा। मौके पर नीरज कुमार, मिहिर झा, दिवाकर मिश्रा, अंगद कुमार भारती, मनीष कुमार, वेदांत वत्स, राहुल कुमार आदि मौजूद थे।

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