कागजों पर नलकूप चालू, हकीकत में वर्षों से बंद
दरभंगा। जहां एक ओर किसान खरीफ फसल की सिचाई के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर लघु जल संसाधन विभाग सिचाई के नाम पर सरकारी राशि के लूट-खसोट में लगी हुई है।
दरभंगा। जहां एक ओर किसान खरीफ फसल की सिचाई के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर लघु जल संसाधन विभाग सिचाई के नाम पर सरकारी राशि के लूट-खसोट में लगी हुई है। इसकी बानगी तब देखने को मिली, जब विभाग ने जिस नलकूप को चालू बताया वह वर्षो से बंद पड़ा हुआ है। इतना ही नहीं, नलकूप के रख-रखाव के नाम पर लाखों रुपये लिए जा रहे हैं। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, जिले में 405 सरकारी नलकूप है। जिसमें से 85 नलकूप चालू बताए जा रहे हैं। इधर, जब चालू नलकूप की जांच की गई तो नजारा कुछ और ही देखने को मिला। जिन 85 नलकूप को चालू बताया जा रहा है, उनमें से चार नलकूप बहादुरपुर देकुली पंचायत के देकुली, प्रेमजीवर के पुरखोपट्टी, टिकापट्टी, डागरसाम और मेकनाबेदा पंचायत के मेकनाबेदा गांव में है। दैनिक जागरण की टीम ने जब ग्रामीणों से इस बाबत पूछा तो उन्होंने बताया कि उक्त चारों नलकूप वर्षो से बंद पड़ा हुआ है। देकुली नलकूप के बारे में किसान श्याम भारती, डगरसाम के किसान गोपाल कुमार ठाकुर, मेकनाबेदा के किसान राम विनोद यादव और पुरखोपट्टी के जिशान फारुखी ने बताया कि जिस नलकूप को लघु जल संसाधन विभाग चालू बता रहा है, वह दस-पंद्रह वर्षो से बंद है। किसान अपने स्त्रोतों से फसल की सिचाई कर रहे हैं। बहादुरपुर अंचल के सीओ कमलेश कुमार ने बताया कि उक्त चारों गांव राजस्व ग्राम है। जिसमें से पुरखोपट्टी में लगभग 50 हेक्टयर कृषि योग्य भूमि है। इसी प्रकार से डगरसाम में 165 हेक्टेयर, देकुली में 95 और मेकनाबेदा में लगभग 300 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है। जबकि, लघु जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पुरखोपट्टी नलकूप से 3.20 हेक्टेयर, डगरसाम में 3.40 हेक्टेयर, देकुली में 2.60 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिचाई की जाती है। इसके लिए किसानों से राजस्व भी लिया जाता है। विभाग का कहना हैं कि पंचायत के सभी सरकारी नलकूप को फरवरी माह में ही मुखिया के हवाले कर दिया गया है। जबकि, प्रेमजीवर पंचायात के मुखिया जिशान फारुखी का कहना है कि विभाग से पत्र मिला है। लेकिन बंद नलकूपों का मुखिया क्या करेगा? वहीं, विभाग के कार्यपालक अभियंता सुनील मंडल ने बताया कि पंचायात के सभी सरकारी नलकूपों को मुखिया के हैंडओवर कर दिया गया है। खराब पड़े 130 नलकूप का प्राक्कलन तैयार कर प्रथम किश्त की राशि मुखिया के खाते में भेज दी गई है। हरिपट्टी नलकूप की मरम्मती के लिए प्राक्कलन के विरुद्ध प्रथम किस्त के रूप में 3.710 लाख, गंगिया के लिए 3.411 लाख, सिनुआर गोपाल के लिए 3.710 लाख, अंदामा के लिए 4.009 लाख, रामभद्रपुर के लिए 3.216 लाख, अब्दुल्लाहपुर के लिए 3.710 लाख और पिगी नलकूप की मरम्मत के लिए विभाग ने प्राक्कलन के विरुद्ध प्रथम किस्त के रूप में 3.074 लाख रुपये मुखिया के खाते में भेज दिए हैं। जब उनसे खराब नलकूपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
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