दो कठ्ठे जमीन के लिए तीन लोगों की हो चुकी है मौत
तारालाही गांव के विवादित दो कठ्ठा भूमि के लिए मंगलवार का दिन हमेशा ही अमंगल रहा है।
दरभंगा। तारालाही गांव के विवादित दो कठ्ठा भूमि के लिए मंगलवार का दिन हमेशा ही अमंगल रहा है। 23 अक्टूबर 2018 को मंगलवार के ही दिन विजय कुमार सिंह उर्फ बैद्यनाथ सिंह के पुत्र सुनील सिंह की हत्या कर दी गई थी। बदले में चली चलाई अंधाधुंध गोली में मंगलवार को ही दो लोगों की मौत हो गई। जबकि, तीसरा गंभीर है। बताया जाता है कि गांव स्थित दरभंगा-समस्तीपुर स्टेट हाइवे के किनारे दो कठ्ठा भूमि का एग्रीमेंट सुनील सिंह और गरथू यादव ने अलग-अलग व्यक्ति से अगस्त माह 2018 में कराया था। गरथू यादव तारालाही गांव के ही रामबलम यादव से जमीन लिया था। जबकि, सुनील सिंह लाली यादव से अपने नाम से एग्रीमेंट कराया था। सुनील के साथ उसका पार्टनर गांव के ही गोपी यादव, चंद्रशेखर यादव व धनिक यादव शामिल था। जबकि, गरथू के साथ उसका परिवार व अन्य दोस्त। भूमि को कब्जा करने की तैयारी दोनों पक्ष कर रहे थे। लेकिन, गरथू यादव भारी पड़ रहा था। इस बीच गरथू यादव उस भूमि पर मिट्टी गिराने के बाद चहारदीवारी करना शुरू कर दिया। इस बीच चहारदीवारी को रात के अंधेरे में तोड़ डाला गया। इस आक्रोश में गरथू यादव व उसके समर्थकों ने सुनील के पार्टनर धनिक यादव को पास के ही एक ईंट भट्टे पर घेर कर हॉकी स्टीक से जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद गरथू यादव उक्त भूमि पर जेनरेटर लगाकर रात दिन चहारदीवारी निर्माण कराने लगा। दोनों तरफ से तानातनी के बाद गरथू यादव ने अचानक सरेंडर करने की बात कही और सुनील को बुलाकर समझौता करना चाहा। 23 अक्टूबर 2018 की रात गरथू यादव अपने पुत्र के माध्यम से माफी मांगी। प्रभाष यादव बोला हमारे-तुम्हारे बीच में कोई दुश्मनी नहीं है। लेकिन, धनिक यादव मेरा दुश्मन है। उसे जिदा नहीं छोड़ेंगे। इसके बाद मौका देखते ही सुनील के सिर में पहले पीछे से गोली मारा फिर बाद में कई गोलियां दाग कर हत्या कर दी। सुनील दो हत्या सहित कई मामलों में आरोपित था। घटना में उसके चचेरे भाई भोला और छोटे भाई रवि सिंह की जान बच गई थी। भोला ने पास के ही तालाब के जलकुंभी में छिपकर जान बचाई थी। जबकि, रवि ने घर पहुंचकर घटना की जानकारी दी। मामले में हत्या मामले सहित कई कांडों के आरोपित गरथू यादव, उसके तीन पुत्र प्रभाष यादव, चंद्रहार यादव, अविनाश यादव, भतीजा राजकुमार यादव के अलावा लालबाबू यादव, हकरू यादव को आरोपित बनाया गया। घटना की रात ही पुलिस ने गरथू यादव के पुत्र प्रभाष यादव, राजगीर यादव के पुत्र हकरू यादव एवं रामविनय यादव के पुत्र लालबाबू यादव को गिरफ्तार कर लिया। जबकि, कई ने कोर्ट में सरेंडर किया। 29 मार्च 2019 को हकरू यादव और राजकुमार यादव जमानत पर जेल से बाहर आए। मौका देख दूसरे पक्ष के लोगों ने आज मंगलवार को अंधाधुंध गोली चलाई । जिसमें चाय दुकानदार वैजू यादव सहित उसके बड़े भाई परीक्षण यादव की मौत हो गई। जबकि, राजकुमार यादव गंभीर हो गया।
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दोनों पक्ष पहले से ही हत्या मामले का है आरोपित :
दोनों पक्ष के लोग दबंग ही नहीं बल्कि, हत्या सहित कई कांडों के आरोपित भी है। मृतक सुनील सिंह पर अपने ही चचेरे भाई को टेंगारी से हत्या कर देने के आरोप था। वहीं 3 जनवरी 2018 को पड़ोसी अरुण सिंह के भांजा को गोली मार कर हत्या कर दिए जाने के मामले सहित कई गोली कांड का वह आरोपित था। इधर, उसके विपक्षी गरथू यादव की संलिप्तता गांव के ही रामपुकार यादव की बम मारकर हत्या कर देने में सामने आई थी। गांव के राजगीर यादव, कारी यादव सहित कई लोगों पर जानलेवा हमला करने का आरोपित है। 70 वर्षीय गरथू यादव के आतंक से पूरे गांव के लोग परेशान हैं।
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घायल राजकुमार उप मुखिया का पति :
गोली से घायल राजकुमार यादव उप मुखिया जैलस देवी का पति है। बता दें जब पहली घटना में पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार करने पहुंची थी तो उप मुखिया जैलस देवी लाल मिर्ची पाउडर फेंककर पति राजकुमार यादव सहित अन्य को भगा दी थी। राजकुमार यादव इस हत्या मामले के मुख्य आरोपित गरथू यादव का भतीजा है। एक जून 2018 को उसके दुकान के बगल से दो बम भी बरामद हुआ था। हालांकि, उस मामले में उसे पुलिस ने आरोपित नहीं बनाया था।
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