कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित गरीबों की हालत बदतर
प्रखंड मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित हाबीभौआर गांव के अधिकांश गरीब लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से उनकी स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।
दरभंगा। प्रखंड मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित हाबीभौआर गांव के अधिकांश गरीब लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से उनकी स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। 12 हजार की आबादी वाले इस गांव के पूर्व विधायक स्व. परमानंद झा, तत्कालीन जिला पार्षद गजेंद्र झा गज्जू, प्रमुख मनोज कुमार मिश्र ने अपने स्तर से सर्वांगीण विकास की कोशिश की। लेकिन प्रशासनिक तंत्र की हठधर्मिता से अपेक्षित विकास का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल सका।
गांव मुख्य पथ के किनारे नाला का निर्माण नहीं हो सका है। बारिश के मौसम में गांव की प्राय: सभी सड़कों पर जलजमाव हो जाता है। ऐसे में लोगों को आवागमन में भारी परेशानी उठानी पड़ती है। यहां के स्वास्थ्य उपकेंद्र पर ताला लटका है। वर्षों से डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मी नहीं आते हैं। अतिरिक्त स्वास्थ्य उपकेंद्र के भवन निर्माण के लिए करीब 9 वर्ष पहले तत्कालीन मंत्री भोला ¨सह ने शिलान्यास किया। लेकिन, भवन का निर्माण कार्य नहीं हो सका। गांव के अधिकांश राजकीय नलकूप वर्षों से बंद पड़े हैं। किसानों को निजी पं¨पगसेट का आसरा है। सात निश्चय योजना का हाल सबसे खराब है। जनवितरण प्रणाली के डीलरों द्वारा निर्धारित मूल्य पर उपभोक्ताओं को खाद्यान्न एवं केरोसिन नहीं देने की शिकायत आम है। आंगनबाडी केंद्रों पर बच्चों को मेन्यू के हिसाब से पोषाहार नहीं मिल पा रहा है। पोषाहार राशि में गोलमाल जारी है। गांव के करीब पचास लोग ऐसे हैं जिन्हें राशन कार्ड नहीं मिला है। अधिकांश सड़कें अतिक्रमित हैं। इससे आवागमन में लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। अधिकांश वृद्ध लोगों को महीनों से वृद्धावस्था पेंशन की राशि नहीं मिली है। अधिकांश युवा रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन को विवश हैं। गांव के विद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी है। इससे बच्चों को गुणवतापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। दैनिक जागरण टीम ने गांव की पाती के तहत सोमवार को हाबीभौआर में बैठक की। इस दौरान लोगों ने खुलकर अपनी बातें रखीं। समवेत स्वर में कहा कि गांव के गरीबों को सरकार की योजनाओं का पता ही नहीं है। युवाओं के पलायन पर लगे रोक जन प्रतिनिधियों को गांव के विकास की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्हें लोगों को हमेशा विश्वास में लेकर गांव का सर्वागींण विकास कराना चाहिए। गांव में आवास, शौचालय, पेयजल एवं हर घर नलजल योजना की हालत बेहद खराब है।
--सुशील झा। पंचायत के चहुंमुखी विकास के लिए तत्पर हैं। नलजल योजना, पक्की सड़क, नाली, वृद्धापेंशन, आवास, शौचालय आदि बुनियादी सुविधाएं लोगों को उपलब्ध कराई गई हैं। 105 लोगों को आवास आवंटित किया जा चुका है। शौचालय निर्माण की धीमी गति के लिए अनुदान राशि मिलने में विलंब होना प्रमुख कारण है। चार वार्ड के लोगों को नलजल योजना का लाभ मिल रहा है।
--सुधीरा देवी, मुखिया। सरकार बेरोजगार युवकों के ऊपर ध्यान नहीं दे रही है। रोजी रोटी के लिए दूसरे राज्यों
में युवाओं के पलायन पर रोक लगनी चाहिए। बिगड़ती स्वास्थ्य, शिक्षा व्यवस्था से गांव के लोग परेशान हैं। सभी योजना पर बिचौलिया हाबी हैं।
--देव पासवान। हम जैसे बेसहारा लोगों को महीनों से पेंशन का भुगतान नहीं हो रहा है। प्रखंड कार्यालय पर बिचौलियों का जमावड़ा रहने से पंचायत स्तरीय कार्य कराने में लोगों को परेशानी हो रही है।
--हुचर दास। सरकार संचालित अधिकांश कल्याणकारी योजनाओं का लाभ गांव के लोगों को नहीं मिल रहा है। सरकार से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने में पूरी तरह विफल साबित हो रहे हैं।
--चंदेश्वर साह। सरकारी की योजना का लाभ बिचौलिए उठा रहे हैं। गांव के गरीबों को देखनेवाला कोई नहीं है। डीलर निर्धारित मूल्य पर उपभोक्ताओं को खाद्यान्न एवं केरोसिन नहीं दे रहा है।
--पवन कुमार झा। हाबीभौआर गांव एक नजर में-- जनसंख्या - 12 हजार
हाईस्कूल -1
मध्य विद्यालय-1
प्राथमिक विद्यालय-2
आंगनबाडी केंद्र-12,
मंदिर-10,
राजकीय नलकूप- 3 (सभी बंद)
स्वास्थ्य उपकेंद्र-1 (बंद) रीडर कनेक्ट के लिए--95720 94697