Mithila University : आखिर क्यों संगीत विभाग खाली कराने पहुंचा प्रशासन, इसके पीछे क्या है पूरा मामला?
मिथिला विश्वविद्यालय में प्रशासन संगीत विभाग को खाली कराने पहुंचा, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया। विश्वविद्यालय का दावा है कि भूमि उनकी है, जबकि विभाग इस ...और पढ़ें

संगीत विभाग वार्ता करते प्रशासनिक अधिकारी व विश्वविद्यालय के अधिकारी। जागरण
जागरण संवाददाता, दरभंगा । रविवार की दोपहर जब पूरा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय परिसर छात्रों व खिलाड़ियों से भरा हुआ था। तभी अचानक प्रशासन की सायरन बजाती गाड़ियां संगीत विभाग की ओर सशस्त्र बलों के वाहनों के साथ जाती दिखी। अचानक लोग प्रशासन इतनी गाड़ियां देख अचंभित होने लगे।
सब संगीत विभाग की ओर चल दिए। जहां पहले से राज ट्रस्ट के पदाधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे। पता चला कि राज ट्रस्ट के पक्ष में आए न्यायिक आदेश के आलोक में प्रशासन के पदाधिकारी संगीत विभाग के भवन पर उन्हें कब्जा दिलाने आए हैं।
तभी विश्वविद्यालय की ओर से संकायाध्यक्ष डा. पुष्पम नारायण, विभागाध्यक्ष डा. लावण्या कीर्ति सिंह काव्या और भू-संपदा पदाधिकारी डा. कामेश्वर पासवान आ धमके। उन्होंने सदर एसडीओ विकास कुमार, अंचलाधिकारी सदर से मामले को जानना चाहा। वार्तालाप के बाद तय हुआ कि 26 दिसंबर तक भवन पर राज ट्रस्ट को कब्जा नहीं दिया जाएगा।
इस बीच में विश्वविद्यालय प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्था कर लेगा। बता दें कि राज मैदान स्थित पश्चिमी भाग में उक्त भूमि को लेकर राज ट्रस्ट और विश्वविद्यालय के बीच गतिरोध वर्षों से चला आ रहा है। इससे पहले भी संगीत विभाग के भवन को खाली कराने को लेकर विवाद हो चुका है। लेकिन तब विश्वविद्यालय प्रशासन राज ट्रस्ट पर भारी पड़ा था। लेकिन आज मामला उलटा था।
राज ट्रस्ट के कर्मचारी का मनोबल ऊंचा था। वह हर हाल में न्यायिक आदेश के आलोक में संगीत विभाग के भवन पर कब्जा चाह रहे थे। उनके समर्थकों की भी भीड़ संगीत विभाग के चारों ओर जमी थी। इसके अलावा रामबाग किला गेट पर भी समर्थक जमा थे।
सब को आशा थी कि संगीत विभाग के भवन पर कब्जा दिलाकर ही प्रशासन वापस लौटेगा। लेकिन शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन को लेकर प्रशासन ने त्वरित निर्णय लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के आग्रह पर इसे 26 दिसंबर तक टाल दिया है। एसडीओ विकास कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से भवन खाली करने के लिए 26 दिसंबर तक की मोहलत ली गई है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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