मूल्यांकन से हटाने के विरोध में शिक्षकों ने किया उपवास
संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य से वंचित करने संबंधित प्रस्ताव के विरूद्ध गुरुवार को संबद्ध महाविद्यालय संघर्ष समिति ने आयुक्त कार्यालय के समक्ष सामुहिक उपवास कर अपना विरोध जताया।
दरभंगा । संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य से वंचित करने संबंधित प्रस्ताव के विरूद्ध गुरुवार को संबद्ध महाविद्यालय संघर्ष समिति ने आयुक्त कार्यालय के समक्ष सामुहिक उपवास कर अपना विरोध जताया। उपवास कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए संघर्ष समिति के मुख्य संरक्षक सह जदयू शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. राम मोहन झा ने पिछले माह 14 दिसंबर को राजभवन पटना में कुलपतियों की बैठक में लिए गए इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की। डॉ. झा ने कहा कि अतिथि शिक्षक या अन्य नियुक्त शिक्षकों के मुकाबले संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों को शिक्षण कार्य के लिए वर्षो का अधिक अनुभव है। उन्होंने कहा कि अगर राजभवन यह अलोकतांत्रिक निर्णय वापस नहीं लेता है तो इस बार के बिहार चुनाव में शिक्षक नोटा का प्रयोग करेंगे। सामुहिक उपवास में डॉ. भरत राय, प्रो. अखिल रंजन झा, डॉ. मनोज कुमार झा, प्रो. उदय शंकर मिश्र, डॉ. चंद्रकांत मिश्र, डॉ. कुशेश्वर सहनी, डॉ. सरोजानंद झा, प्रो. विनय कुमार मिश्र, डॉ. विरेंद्र कुमार, प्रो. कमलेश कुमार मिश्र, प्रो. मधुरंजन प्रसाद, प्रो. प्रवीण मिश्र, प्रो. अंजनी कुमार, प्रो. वासुदेव साह, प्रो. ज्योति रमण झा, प्रो. जगदीश मंडल, प्रो. इंद्र किशोर मिश्र, डॉ. विजय कुमार झा, प्रो. सुनील कुमार झा, प्रो. सुमन कुमार चौधरी, प्रो. सुधीर कुमार झा, प्रो. राजीव कुमार, प्रो. अनिल कुमार मिश्रा आदि मौजूद थे। उपवास कार्यक्रम के बाद शिक्षकों ने आयुक्त को राष्ट्रपति के नाम से प्रेषित मांगों से संबंधित एक ज्ञापन भी सौंपा।