तार्किक संप्रेषण की क्षमता विकसित करें शिक्षक : कुलपति
लनामिविवि एवं यूनिसेफ, बिहार के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत हुई।
दरभंगा। लनामिविवि एवं यूनिसेफ, बिहार के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत हुई। उदघाटन संबोधन में कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार ¨सह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए समाज निर्माण में उनकी महती भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने एनसीटीई के स्लोगन आवर टीचर्स आवर हीरोज का हवाला देते हुए आह्वान किया कि हमारे शिक्षकों को अपने नायकत्व की अनुभूति और उसका अहसास अवश्य होना चाहिए। शिक्षकों को मानवीय भावनाओं से परिपूर्ण तथा संतुलित क्रियाकलापों से अनुशासित होना चाहिए। ताकि वह अपने छात्रों का रॉल मॉडल बन सकें। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों को सेल्फ की समझ होनी चाहिए। उन्हें तार्किक तथा प्रभावशाली संप्रेषण की क्षमता विकसित करनी चाहिए। समन्वयात्मक ²ष्टिकोण रखना चाहिए। मानवता तथा समाज को प्रगति पथ पर अग्रसर करने का जज्बा विकसित करना होगा। इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखकर इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षकों को अपने छात्रों के मानसिक स्तर की परख होना चाहिए। संसाधन पुरुष डॉ. थॉमस वदाया (निदेशक इनसाइट बड़ोदरा, गुजरात) जगत बख्शी (सॉफ्ट स्किल ट्रेनर) डॉ. एसए मोईन (स्टेट कंसल्टेंट यूनिट, यूनिसेफ,बिहार),बसंत कुमार ¨सह (स्टेट कंसल्टेंट यूनिसेफ, बिहार) ने कार्यशाला में उपस्थित शिक्षकों को शिक्षण प्रक्रिया से संबंधित कई जानकारी दी। स्वागत निदेशक डॉ. सरदार अर¨वद ¨सह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. वीके चौधरी एवं मंच संचालन उपनिदेशक डॉ. विजय कुमार ने किया।
इसके बाद 30 प्रतिभागियों को 6-6 का समूह बनाकर पांच वर्ग बनाए गए। इन वर्गों में डॉ. वदाया ने गतिविधि आधारित कार्यक्रम किया।
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