सरकारी योजनाओं का लाभ लें संस्कृत विद्यालय : शिक्षा मंत्री
संस्कृत भाषा-साहित्य के विकास के लिए आज केंद्र व राज्य सरकार अनेक योजनाएं चला रही है।
दरभंगा। संस्कृत भाषा-साहित्य के विकास के लिए आज केंद्र व राज्य सरकार अनेक योजनाएं चला रही है। लेकिन, इसकी जानकारी जनसामान्य को नहीं है। प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर बिहार सरकार की छात्रवृत्ति, पोशाक, साइकिल, पाठ्यपुस्तक समेत कई योजनाएं हैं जिनका लाभ आधुनिक विषयों के शिक्षण में संलग्न संस्थान ले रहे हैं। लेकिन, संस्कृत विद्यालय इस मामले में काफी पीछे हैं। इसके पीछे संस्कृत शिक्षकों की उदासीनता प्रमुख कारण है। संस्कृत विवि के दीक्षा समारोह में शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने यह बातें कही। उन्होंने संस्कृत शिक्षकों से योजनाओं का लाभ लेने व संस्कृत शिक्षा के विकास की सकारात्मक योजनाएं बनाकर भेजने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार उनकी समीक्षा कर उन्हें लागू करने में कभी भी पीछे नहीं रहेगी। आजादी के सत्तर साल बाद भी संस्कृत के प्रति सामाजिक उपेक्षाभाव पर ¨चता जताते हुए उन्होंने कहा कि हमें सोचना होगा कि समाज में संस्कृत के प्रति आदर भाव कैसे उत्पन्न किया जाए। संस्कृत साहित्य में ज्ञान-विज्ञान के मौलिक विचारों को समाज में विस्तारित करने, आधुनिक समस्याओं के समाधान में संस्कृत शास्त्रों के विचारों को समाज के सामने लाने, पांडुलिपियों के संरक्षण, संपादन व प्रकाशन, संस्कृत पढ़ने वालों की जीविका के विस्तार व इसके शिक्षण-शोध में आधुनिक उपकरणों की सहभागिता सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस प्रयास करने पर उन्होंने बल दिया।