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स्नातकोत्तर चर्तुथ सेमेस्टर में विद्यार्थियों को अध्ययन करने पड़ेंगे ह्यूमन राइट विषय

दरभंगा। स्नातकोत्तर चर्तुथ सेमेस्टर सत्र 2018-20 में जेनेरिक इलेक्टिव के अंतर्गत सभी स्नातकोत्तर विभागों व स्नातकोत्तर अध्यापन वाले सभी महाविद्यालयों में सभी विषयों के छात्र ह्यूमन राइट विषय रखेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 12:34 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 06:14 AM (IST)
स्नातकोत्तर चर्तुथ सेमेस्टर में विद्यार्थियों को अध्ययन करने पड़ेंगे ह्यूमन राइट विषय
स्नातकोत्तर चर्तुथ सेमेस्टर में विद्यार्थियों को अध्ययन करने पड़ेंगे ह्यूमन राइट विषय

दरभंगा। स्नातकोत्तर चर्तुथ सेमेस्टर सत्र 2018-20 में जेनेरिक इलेक्टिव के अंतर्गत सभी स्नातकोत्तर विभागों व स्नातकोत्तर अध्यापन वाले सभी महाविद्यालयों में सभी विषयों के छात्र ह्यूमन राइट विषय रखेंगे। इसके अलावा संगीत व नाट्यशास्त्र विभाग के छात्र-छात्राएं जेनेरिक इलेक्टिव के बदले डिसीप्लिन सेलेक्टिव इलेक्टिव रखेंगे। यह निर्णय कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में संकायाध्यक्षों व स्नातकोत्तर विभागाध्यक्षों की बैठक में लिया गया। ज्ञात हो कि स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर 2018-20 की परीक्षा समाप्ति के बाद सभी विभागों में चर्तुथ सेमेस्टर का वर्ग आरंभ हो चुका है। सीबीसीएस के तहत छात्रों को चारों सेमेस्टर मिलाकर 16 कोर कोर्स व चार क्वालिफाई इलेक्टिव कोर्स पढ़ना होता है। तीन सेमेस्टर में छात्र 14 कोर कोर्स व तीन क्वालीफाइंग कोर्स की पढ़ाई कर चुके हैं। चतुर्थ सेमेस्टर में उन्हें दो कोर इलेक्टिव कोर्स एक क्वालीफाइंग कोर्स करने होंगे। उक्त जानकारी देते हुए अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो. रतन कुमार चौधरी ने बताया कि राजभवन की ओर से प्राप्त रेगुलेशन व पाठ्यक्रम के अनुसार एक क्वालीफाइंग कोर्स रखने के लिए छात्रों के दो मुख्य विकल्प दिए गए हैं, जिसके अधीन कई विषयों के विकल्प हैं। पहले विकल्प के रूप में जेनेरिक इलेक्टिव के अंतर्गत बास्केट में पांच विषय जैसे ग्राफिक डिजाइन, संगीत, नाट्यशास्त्र, ह्यूमेन राइट, इनक्लूसिव पॉलिसी में से एक विषय अथवा डीएसइ के तहत अपने ही संकाय के अपना विषय छोड़कर किसी अन्य विषय का पांचवा पत्र रख सकते हैं। विचारोपरांत बैठक में यह तय किया गया कि सभी विषयों के छात्र जेनेरिक इलेक्टिव के अंतर्गत ह्यूमेन राइट विषय रखेंगे। संगीत व नाट्य शास्त्र विभाग की विभागाध्यक्षा व ललित कला संकायाध्यक्ष ने प्रस्ताव रखा कि उनके ललित कला संकाय के अंतर्गत सिर्फ दो ही विषय है और दोनों विषयों के वर्ग एक ही साथ चलते हैं। इसीलिए डीएसई के अंतर्गत संगीत के छात्र नाट्यशास्त्र व नाट्यशास्त्र के छात्र संगीत विषय के पंचम पत्र रखेंगें, जिसे स्वीकार कर लिया गया।

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