तेरह में मात्र छह ही शिक्षक मिले
सूबे की सरकार राज्य में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हर तरह से प्रयास कर रही है ।
दरभंगा। सूबे की सरकार राज्य में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हर तरह से प्रयास कर रही है । इसके लिए पोशाक से लेकर साइकिल, छात्रवृत्ति योजनाओं पर करोड़ों खर्च कर रही है। ताकि बिहार की शिक्षा प्रणाली की व्यवस्था सुदृढ़ हो और बच्चे सरकारी विद्यालयों में पढ़कर होनहार व्यक्ति बन सके। वाबजूद इसकी लचर व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। इस कड़ी में दैनिक जागरण द्वारा किए जा रहे ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड की पड़ताल में शिक्षा व्यवस्था की पोल परत दर परत खुल रही है । बुधवार को टीम ने मध्य विद्यालय लाघा का जायजा लिया । प्रधानाध्यापक समेत तेरह शिक्षकों में से मात्र छह शिक्षक मौजूद थे। प्रघानाध्यापक रामप्रसाद महतो के संबंध में बीआरसी खिरमा जाने की बात बताई गई । वहीं शिक्षिका ममता कुमारी व संगीता कुमारी के संबंध में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए माघोपट्टी जाने, शिक्षक धनिक लाल ¨सह तथा आलोक कुमार के संबंध में क्रमश: प्राथमिक विद्यालय दोमे तथा न्यू प्राथमिक विद्यालय छतवन बिचला टोल में प्रतिनियोजित एवं शिक्षक रमण कुमार सहनी व शिक्षिका भारती कुमारी के संबंध में आकस्मिक अवकाश में रहने की बात बताई गई । यहां पांच शौचालय तथा दो चापाकल हैं। सभी ठीक-ठाक थे। किचेन शेड छोटा देखने में आया। मुहम्मदपुर - शिवघारा मुख्य मार्ग पर सड़क के किनारे अवस्थित इस विद्यालय की चहारदीवारी की ऊंचाई काफी कम तथा बगल में नदी रहने से किसी अनहोनी की आशंका निरंतर बनी रहती है। वहीं विद्यालय की परिसंपत्ति भी असुरक्षित है। बताया गया कि क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस विद्यालय की स्थापना 1931 में की गई थी।
12.00 बजे : नामांकित 600 बच्चों में से 418 बच्चों की उपस्थिति पंजी पर दिखाई गई थी।
12 .10 बजे : किचेन शेड छोटा रहने के कारण रसोइया एस्बेस्टसनुमा एक कमरे में गैस चूल्हा पर मध्याह्न भोजन बना रही थी। मेन्यू के मुताबिक बच्चों के लिए हरी सब्जी युक्त खिचड़ी तथा आलू चोखा बन रहे थे। विद्यालय में कार्यरत सभी छह रसोइया एप्रोन में नहीं थीं। चखना पंजी संघारित थी। थाली व ग्लास का अभाव देखा गया ।
12 . 25 बजे : वर्ग एक से चार तथा वर्ग छह के बच्चे पांच अलग - अलग कमरे में घर से लाए बोरा पर बैठकर पढ़ रहे थे। जबकि वर्ग पांच व सात तथा आठ के बच्चे के लिए बेंच - डेस्क की व्यवस्था थी। मौजूद शिक्षक व शिक्षिकाएं वर्ग कक्ष में बच्चों को पढ़ा रहे थे। अधिकांश बच्चे ड्रेस में नहीं थे।
12 . 30 बजे : बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन बनकर तैयार था ।
12 . 40 बजे : टिफीन की घंटी लगी । बच्चों ने रसोइया के पास पहुंचकर थाली ली और उसे चापाकल पर धो कर खाना खाने के लिए विद्यालय द्वारा बरामदे पर उपलब्ध कराई गई दरी बैठ गए । रसोइया व शिक्षक द्वारा खाना चखने के बाद रसोइया द्वारा बच्चों के बीच खाना परोसा गया ।
बोले बच्चे : वर्ग दो का छात्र अंशु कुमार 7 का पहाड़ा नहीं पढ़ पाया । वर्ग तीन की छात्रा अनुराधा कुमारी देश का नाम बिहार बताई। वर्ग चार का छात्र रोहित कुमार ने देश की राजधानी का नाम दिल्ली बताया । वर्ग पांच की छात्रा रानी कुमारी ने प्रधानमंत्री का नाम नरेंद्र मोदी बताया। वर्ग छह की छात्रा प्रियंका कुमारी ने बिहार के उपमुख्यमंत्री का नाम नीतीश कुमार बताया। वर्ग सात का छात्र राजीव कुमार ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री का नाम इंदिरा गांधी बताया । जबकि वर्ग आठ का छात्र राजन कुमार बिहार के उपमुख्यमंत्री का नाम जीतनराम मांझी बताया ।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर विद्यालय प्रबंधन काफी प्रयासरत है। इसमें सुधार भ हो रहा है। मेन्यू के मुताबिक बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाता है । साथ ही सरकारी आदेशों का पूरी तरह पालन किया जाता है । सभी समस्याओं को ध्यान में रखा गया है ,और उनके संबंध में विभाग के अधिकारियों को प्रधानाध्यापक के द्वारा अवगत कराया गया है । प्रघानाध्यापक बीआरसी खिरमा गए हुए हैं Þ
शिवेश कुमार, सहायक शिक्षक