पढ़ाई के लिए स्वाध्याय व ई-लर्निंग ही विकल्प
दरभंगा। कोरोना संक्रमण के खतरों के बीच शिक्षा जगत बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्कूल कॉलेज व कोचिग संस्थान बंद हैं। इस स्थिति में ई-लर्निंग एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है।
दरभंगा। कोरोना संक्रमण के खतरों के बीच शिक्षा जगत बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्कूल, कॉलेज व कोचिग संस्थान बंद हैं। इस स्थिति में ई-लर्निंग एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है। कई स्कूल, कॉलेज व कोचिग संस्थान ऑनलाइन माध्यम से अपने बच्चों की पढ़ाई पूरी करवा रहे हैं। इसके अलावा फिलहाल कोई विकल्प भी नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि समय व परिस्थिति को देखते हुए स्वाध्याय एवं ई-लर्निंग को लेकर अभिभावक अपने बच्चों को प्रेरित करें।
उक्त बातें ज्ञान सागर पब्लिक स्कूल बड़गांव, बैद्यनाथपुर के निदेशक कृष्ण कुमार शर्मा ने कही। कहा कि पिछले 24 मार्च से लॉकडाउन संपूर्ण देश में लागू है। अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई है, लेकिन शिक्षण संस्थान अभी भी लॉकडाउन की स्थिति में हैं। यह परिस्थिति कब तक रहेगी, कहना मुश्किल है। ऐसे में नए सत्र की पुस्तकें बच्चों के बीच उपलब्ध नहीं हो पाई है। इस स्थिति में चाहिए कि बच्चे पिछले शैक्षणिक सत्र के कमजोर विषयों पर अधिक ध्यान दें। लॉकडाउन की अवधि में स्वाध्याय के माध्यम से उन विषयों का गहन अध्ययन करें। गत शैक्षणिक सत्र का वार्षिक मूल्यांकन नहीं होने से बच्चों में शैक्षिक सत्र की प्रगति का मूल्यांकन नहीं हो सका है। इस स्थिति में बच्चे अपने पाठ्य पुस्तक के अंत में दिए गए प्रश्न अभ्यास को हल करने का प्रयास निरंतर जारी रखें। साथ ही स्व-मूल्यांकन भी करें। वर्तमान स्थिति में बच्चों की पढ़ाई अवरुद्ध नहीं हो, इसके लिए वे विद्यालय खुलने का इंतजार किए बिना ई-लर्निंग के माध्यम से पढ़ाई जारी रख सकते हैं। वहीं, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक की शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं से भी मन को एकाग्र कर अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अध्ययन में जुटे रहना चाहिए। जिन बच्चों ने 10वीं की परीक्षा दी है और ये निर्णय कर लिया है कि आगे उन्हें किस संकाय में नामांकन लेना है, उन्हें अभी से 11वीं के सिलेबस को जानना चाहिए और उसके लिए आधार बनाना शुरू कर दें। बिहार बोर्ड के 10वीं व 12वीं के रिजल्ट को छोड़कर अन्य सभी प्रमुख बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट अभी लंबित है। इस स्थिति में 10वीं और 12वीं की परीक्षा दे चुके छात्र असमंजस की स्थिति में हैं कि उन्हें इस समय लॉकडाउन में क्या करना चाहिए। कहा कि अधिकतर बच्चो के पास स्मार्टफोन है और वो सिलेबस की जानकारी इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप आगे साइंस लेकर पढ़ना चाहते है तो गणित की 10वीं के छोटे-छोटे सूत्र और कॉनसेप्ट आपको 11वीं और 12वीं दोनों ही कक्षाओं में बहुत काम आएंगी। अगर आपके पास किताबें उपलब्ध नहीं है तो तकनीक का सहारा लें। एनसीईआरटी की लगभग सभी किताबें मोबाइल एप में पीडीएफ के रूप में उपलब्ध है, जिन्हे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है।