यूजीसी कराएगा कोरोना के शिक्षा, स्वास्थ्य व सामाजिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव की समीक्षा
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग कोरोना के कारण शिक्षा स्वास्थ्य और सामाजिक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों की समीक्षा कराएगी।
दरभंगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग कोरोना के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों की समीक्षा कराएगी। इसकी जिम्मेवारी ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय व कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. राजेश सिंह को दी है। आयोग ने इच्छा व्यक्त की है कि कोरोना के दौरान और उससे शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक अर्थव्यवस्था किस तरह परिवर्तन हो रहा है, लोगो की सोचने और कार्य करने के तरीके में क्या परिवर्तन हो रहे हैं, इसका स्थल पर क्या प्रतिक्रिया है, यह जानना बहुत ही आवश्यक है। कोरोना के दौरान केंद्र और राज्य सरकार ने कई योजनाएं प्रारंभ की है, उसका आम लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा है। इसकी भी समीक्षा आवश्यक है। साथ ही लॉकडाउन समाप्त होने वाला है। उसके बाद इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। यह भी समीक्षा समझने की जरूरत है। इसके अतिरिक्त आम लोग किस तरह की योजना आने वाले दिनों में चाहते है, इसकी भी जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग चाहता है कि इन बिदुओं को लेकर सतही जानकारी आवश्यक है। इस कार्य में आईएसएसआर को भी जोड़ा गया है। इस कार्य में पूर्णिया विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय और माता गुजरी मेडिकल कॉलेज, किशनगंज को शामिल किया गया है। यह सर्वेक्षण प्रो. सिंह के अध्यक्षता में होगी। इस दिशा में प्रो. सिंह ने पूर्णिया विश्वविद्यालय और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय क्षेत्रांतर्गत सभी आठ जिलों में प्राध्यापक श्रेणी के एक-एक समन्वयक और सह-संयोजक बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। उसी दिशा में रविवार को ऑनलाईन बैठक भी हुई। बैठक में कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि कोरोना के बाद स्थिति बदल गई है। लोगों की सोच में बदलाव आया है। पूणिया और मिथिला विश्वविद्यालय में ऑनलाईन प्लेटफार्म के तरह शिक्षण कार्य को लागू करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इसे अधिक से अधिक प्रभावशील करने का प्रयास किया जा रहा है। चालीस हजार से अधिक कोर्स मेटेरियल बेवसाईट पर डाला जा चुका है। विश्वविद्यालय में वर्तमान परिस्थिति के अनुरूप कई पाठ्यक्रम बनाए जा रहे हैं, ताकि आगे आने वाले दिनों में छात्रों को रोजगार सुलभ हो सके। उसी अनुरूप यहां पर भी पाठ्यक्रम तैयार करने की जरूरत है। कहा कि सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। प्रश्नावली बनाने की प्रक्रिया भी शुरू है।
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